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Chapter 1/29
Chapter 2/29

editउसे कहानियाँ बहुत पसंद थीं, पर उसे कहानियाँ सुनाने के लिए किसी के पास समय📅 नहीं था।
editमीमी ने माँ👩 से कहानी सुनाने के लिए कहा तो माँ👩 बोलीं, "मुझे काम करना है।"
Chapter 3/29

editभाई कहने लगा, "देख नहीं रही हो? मैं क्रिकेट🏏 खेल रहा हूँ।"
editउसके पड़ोसी ने कहा, "मुझे कुछ सामान खरीदने बाज़ार जाना🚶 है।"
Chapter 4/29

editस्कूल🎒🏫🚌 में टीचर ने कहा, "नहीं-नहीं, चलो पहले जोड़-घटाने के कुछ सवाल हल करो।"
editमीमी ने जिससे भी कहानियाँ सुनाने की बात👄 कही, उनके पास कहानियाँ सुनाने की फ़ुर्सत नहीं थी।
editकिसी के पास मीमी के लिए समय📅 नहीं था। कहानियों के लिए तो बिल्कुल नहीं।
Chapter 5/29

editएक दिन🌤️ दीदी👧 मीमी के स्कूल🎒🏫🚌 आयीं।
editदीदी👧 टीचर नहीं थीं और वे पढ़ती भी नहीं थीं। वे बच्चों से तो बड़ी थीं लेकिन टीचर से छोटी ही थीं। दुबली पतली सी, चमकीली आँखें। चेहरे पर हल्की सी मुस्कान।
editदीदी👧 रोज़ स्कूल🎒🏫🚌 आने लगीं और बच्चों की दोस्त बन गयीं और टीचर की भी।
Chapter 6/29

editमीमी मन ही मन सोचती, 'क्या दीदी👧 को कहानियाँ
editआती हैं?’ लेकिन वह पूछने से हिचकिचा रही थी।
editएक दिन🌤️ शर्माते हुए वह दीदी👧 के पास गई और बोली, "क्या आपके पास थोड़ा सा समय📅 है? क्या आप मुझे कहानी सुनायेंगी?"
editदीदी👧 ने उसे ध्यान से देखा, सिर से पैर तक, पैर से सिर तक। सीधे मीमी की आँखों में।
editफिर वे मुस्कराईं, "हाँ-हाँ, क्यों नहीं? तुम्हें कैसी कहानियाँ पसंद हैं?"
editमीमी थोड़ा घबराई। उससे कभी किसी ने ऐसा सवाल नहीं किया था! सोचते हुए उसकी आँखें गोल हुईं, "क्या आप शेर की कहानी सुना सकती हैं?"
Chapter 7/29

editदीदी👧 स्कूल🎒🏫🚌 के बरामदे में बैठ गईं। उन्होंने एक छोटे से शेर के बारे में कहानी शुरू की जो जंगल में
Chapter 8/29

editमीमी चुपचाप सुन रही थी। उसे सिर्फ़ दीदी👧 की आवाज़🔊 सुनाई दे रही थी। उसे लगा जंगल के विशाल पेड़ों की टहनियाँ हवा🌬️🍃💨 में हिल रही हैं। ऊँची-ऊँची घास सरसरा रही है। नन्हे शेर के बाल👦👧 मुलायम थे।
Chapter 9/29
Chapter 10/29

editथोड़ी ही देर में मीमी की पूरी🥞 कक्षा घेरा बनाकर खड़ी हो गई। वे भी मन लगाकर सुन रहे थे, और कहानियों की ज़िद कर रहे थे।
Chapter 11/29

editबंदरों और चिड़ियों की, भयानक कुत्तों की,
editचालाक बिल्लियों की, मछलियों की,
editनदियों और गहरे समुद्रों की कहानियाँ।
editऊँचे-ऊँचे पहाड़ों, हरी-भरी घाटियों की, रहस्य-रोमांच की कहानियाँ।
editभूतों और राक्षसों की, राजाओं और सुंदर रानियों की कहानियाँ।
editबड़े-बड़े शहरों और छोटे-छोटे गाँवों में रहने वाले बच्चों की कहानियाँ।
editजब डर लगे तब के लिए कहानियाँ।
Chapter 12/29
Chapter 13/29

editहर रोज़ मीमी और उसके दोस्त दीदी👧 के पास बैठ जाते।
editशुरू हो जातीं कहानियाँ। दूसरे बच्चे🚸 भी आने लगे।
editस्कूल🎒🏫🚌 के टीचर आते, पास के स्कूल🎒🏫🚌 के बच्चे🚸 आते।
editजो बच्चे🚸 स्कूल🎒🏫🚌 में नहीं थे वे भी आने लगे।
editजिन बच्चों ने पढ़ना छोड़ दिया था वे भी आते।
editजो अभी बहुत छोटे थे और स्कूल🎒🏫🚌 जाने लायक नहीं थे, वे भी आते।
Chapter 14/29

editजिनको जगह मिल🏭 जाती, वे बैठ जाते,
editकुछ खड़े-खड़े ही कहानियाँ सुनते रहते।
editजो अभी ज़रा छोटे थे, वे पेट के बल लेट जाते,
editकोहनियों के सहारे चेहरा टिकाकर चुपचाप सुनते रहते।
editकहानियाँ सुन सुन कर उन्हें पता चला, एक दूसरे को कहानियाँ कैसे सुनाई जाती हैं।
Chapter 15/29

editउन्होंने जाना🚶 कैसे कहानियाँ गढ़ें, कहानियाँ कैसे बुनें। कहानियों को मिलाकर कैसे नयी कहानियाँ बनायें और नीले आसमान में जैसे पतंग उड़ाते हैं, वैसे कल्पना की डोर पर कैसे कहानियाँ उड़ाएँ।
Chapter 16/29

editकुछ ही दिनों में पूरे शहर में कहानियाँ फैल गईं। माँ👩 ने काम बन्द किया और पापा👨 ने अखबार।
editटीचरों ने गणित की किताबें रख दीं और पड़ोसी ने खरीददारी नहीं की।
editबड़े भाइयों ने क्रिकेट🏏 खेलना बंद कर दिया। छोटी बहनें रस्सी कूदना भूल गयीं। सभी कहानियाँ सुन रहे थे, और सुना रहे थे!
Chapter 17/29
Chapter 18/29

editसब्ज़ी वाले ने सब्ज़ी बेचनी बंद कर दी।💗 दूध वाले ने दूध देना बंद कर दिया। पान वाले ने अपना सारा पान, सुपारी किनारे रख दिया।
Chapter 19/29

editबस🚌🚍🚏 ड्राइवर अपनी सीट पर से कूदकर आ गया और सुनने लगा। बस🚌🚍🚏 के सारे यात्रियों के साथ बैठकर उन्हें अपनी कहानियाँ सुनाने की ऐसी जल्दी मची थी, कंडक्टर अपना बैग, टिकट और पैसा बस🚌🚍🚏 में भूल आया।
editशहर में ट्रेन चली नहीं क्योंकि सारे ड्राइवर कहानियों में खोये हुये थे। अखबार भी नहीं छपे। मकान🏠 बनने बन्द हो गये।
editहोटल में खाना🍲 मिलना बंद हो गया, भेल वाले ने भेलपुरी नहीं बनाई। मछुआरे मछली पकड़ने नहीं गये। कोई कुछ करना ही नहीं चाहता था, बस🚌🚍🚏 कहानियाँ सुनाना और सुनना!
Chapter 20/29
Chapter 21/29
Chapter 22/29

editचौराहे पर जहाँ चारों ओर कार-स्कूटर की भीड़ लगी हुई थी, उनके बीच में पुलिस वाला बैठा कहानियाँ सुना रहा था! घरों में टेलीविजन चले ही नहीं। चारों तरफ़ बस🚌🚍🚏 कहानियाँ, सिर्फ़ कहानियाँ।
Chapter 23/29

editइतना बड़ा शहर। सब कुछ ठप्प। जैसे सब कुछ ठहर गया था।
editशहर के मेयर को चिंता होने लगी, "अब क्या किया जाये?" समुद्र के किनारे अपने घर🏠 में चहलकदमी करते हुए उन्होंने अपने मंत्रियों से बात👄 की।
Chapter 24/29

edit"कोई कुछ कर ही नहीं रहा है। शहर में सारा काम बन्द पड़ा है।"
editमंत्रियों ने रात-रात भर जागकर योजनाएँ बनाईं, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं। किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
Chapter 25/29

editतब अंत में दीदी👧 और मीमी को खोज कर, समुद्र के किनारे, मेयर के निवास पर हाज़िर होने का हुक्म मिला। मंत्रियों को बताया गया था कि इन दोनों से शहर में कहानियों की बाढ़ आई है जिसमें सारा शहर गोते लगा रहा है।
editऊँचे खम्बों और ऊँची छत वाले उस विशाल कमरे में नन्ही मीमी और भी छोटी दिख रही थी। उसने दीदी👧 का हाथ कसकर पकड़ लिया।
editभारी भरकम मंत्रियों के बीच घिरी हुई दीदी👧 भी छोटी सी लग रही थीं। कोई मुस्कराया तक नहीं। सभी लोग उन दोनों को भवें सिकोड़े, गुस्से भरी आँखों से देख रहे थे।
Chapter 26/29
Chapter 27/29
editमेयर की रौबीली आवाज़🔊 गूँजी,"कहानियों ने तो नाक में दम कर रखा है। हमारा इतना बड़ा शहर ठप्प हो गया है। आखिर हम करें क्या?" कमरे में सन्नाटा छा गया।
editखिड़की के बाहर हल्की सी आवाज़🔊 तैर रही थी। वहाँ मेयर का माली उनके अंगरक्षकों को कहानी सुना रहा था।
editमीमी ने दीदी👧 का हाथ और कसकर पकड़ लिया। दीदी👧 ने बिना घबराए मेयर का सामना किया।
editउनकी आवाज़🔊 साफ़ सुनाई दी,💗 "ठीक है! एक शर्त है। आप ऐलान कर दीजिए कि इस शहर में हर सुबह और हर शाम को एक कहानी सुनाई जाएगी। इस तरह सबके पास कहानियाँ होंगी और वे अपना काम भी कर सकेंगे।"
editमंत्री ताली बजाने लगे। भारी भरकम, मोटे, लंबे आदमी-औरतें सब मुस्कराने लगे। दीदी👧 की अंगुलियों पर मीमी की पकड़ ढीली पड़ गयी।
Chapter 28/29
Chapter 29/29

editसबने जैसे चैन की साँस ली हो। तब से आज तक उस शहर में हर जगह एक कहानी सुबह और दूसरी रात🌃 को सुनाई जाती है!
editउसी दिन🌤️ से मीमी और दीदी👧 का वह भीड़ भरा शहर 'कहानियों का शहर’ कहलाता है।
Peer-review 🕵🏽♀📖️️️️
Contributions 👩🏽💻
Word frequency
Letter frequency
Letter | Frequency |
---|---|
ा | 377 |
े | 321 |
ी | 313 |
क | 302 |
न | 249 |
र | 246 |
ह | 231 |
स | 188 |
ं | 179 |
ो | 140 |
म | 137 |
ि | 132 |
य | 120 |
ल | 112 |
द | 97 |
ब | 93 |
् | 88 |
त | 86 |
ु | 80 |
प | 76 |
ँ | 60 |
च | 58 |
ग | 54 |
थ | 47 |
ै | 46 |
ज | 43 |
व | 43 |
भ | 39 |
ट | 36 |
ू | 34 |
आ | 32 |
औ | 31 |
ख | 31 |
ड़ | 31 |
उ | 29 |
छ | 28 |
श | 27 |
ए | 23 |
ई | 22 |
अ | 17 |
- | 17 |
ज़ | 12 |
घ | 11 |
ठ | 10 |
ड | 9 |
इ | 8 |
ऊ | 6 |
फ़ | 6 |
ध | 5 |
ढ़ | 5 |
ऐ | 3 |
झ | 3 |
ष | 3 |
़ | 3 |
ओ | 2 |
’ | 2 |
ढ | 2 |
' | 2 |
फ | 2 |
ौ | 2 |
ण | 1 |