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Storybook paragraphs containing word (90)
"मैंने अज्जा से पूछा, “क्या मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने जाऊँ?”"
अभी नहीं, अभी नहीं!
""तुम जाओ! मैं तुम्हारे साथ नहीं उड़ सकती.""
कहानी- बादल की सैर
"मैं और मेरी दोस्त टीना दोनों साथ-साथ रहतीं| मैं खिड़की से देखती और वो भी मेरे साथ-साथ देखती| जहाँ जातीं हरदम साथ रहतीं|"
मैं और मेरी दोस्त टीना|
"मैं नाचती वो भी मेरे साथ नाचती| मैं खेलती वो भी खेलती| मैं हँसती तो वो भी मेरे साथ हँसती| पर मुझ से बात नहीं करती| कभी मेरे पास नहीँ आती|"
मैं और मेरी दोस्त टीना|
"टीना मेरी सबसे अच्छी दोस्त है | मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ और हरदम साथ रहूँगी|"
मैं और मेरी दोस्त टीना|
"“हाँ!” अम्मा बोली, “तुम्हारे रात के दोस्त रात को ही अपना काम करते हैं। वे रात को ही खाते और खेलते हैं। वे दिन में आराम करते हैं। तुम अब सो जाओ। नींद तुम्हें ताकत देगी, ताकि कल तुम अपने दिन के दोस्तों के साथ खेल सको। सो जाओ मेरे प्यारे बच्चे!”"
सो जाओ टिंकु!
"अलग-अलग परिवारों को लाजपत नगर के बाज़ार ले जाना, अर्जुन को बहुत पसंद था। सैलानी जब चार पहियों की जगह तीन पहियों की सवारी चुनते तो उसका मन खुशी से झूम उठता। शिरीष जी के साथ कुतुब मीनार के पास पेड़ की छाँव में आराम करना उसे बहुत अच्छा लगता।"
उड़ने वाला ऑटो
"खेमा: मंगोलिया के लोग लकड़ी के ढाँचे और मोटे ऊनी नमदे के कालीनों से ख़ूब गर्म और हल्के घर बनाते हैं। जब कहीं और जाना हो तो लोग लकड़ी की पट्टियों और नमदों को घोड़ों और याकों पर लाद कर मकान को भी साथ ले जाते हैं।"
सबसे अच्छा घर
"पर्व-त्योहार हमसब को अच्छे लगते हैं। तब ख़ूब मस्ती और शरारत करते हैं साथ ही ढेर सारा लज़ीज़ खाना भी खाते हैं।"
पूरी क्यों फूलती है?
"कभी-कभी खेलते समय आप भी एक दूसरे का हाथ पकड़ कर एक क़तार बनाते हैं और फिर वह पूरी क़तार ही एक साथ चलती है। उसी तरह कण भी एक दूसरे के साथ चिपक कर एक नेटवर्क सा बना लेते हैं।"
पूरी क्यों फूलती है?
"दर असल पूरी के साथ यह होता है - गूँधे हुये आटे में ग्लूटेन होने की वजह से उसे बेला जा सकता है। जब इस आटे की एक छोटी सी लोई को बेला जाता है तो पूरी में ग्लूटेन की एक सतह बन जाती है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"सीरिया मे दमसकस के पास की गई खुदाई से पता चलता है कि गेहूँ का इतिहास करीब 9000 साल पुराना है इसी जगह पर, गेहूं को बोने और उसकी फसल को काटने और साथ ही उसे पीसने के लिए जरूरी औज़ार भी मिले है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"1. दोस्तों के साथ इन खेलों के मज़े लें काग़ज़ के हवाई जहाज़ बनाओ और देखो कि किसका जहाज़ सबसे दूर जाता है। ज़रा सोचो, क्यों? क्या यह कमाल काग़ज़ का है या उसके बनाने के तरीक़े का? ग़ौर करो, क्या होता है जब कोई जहाज़ छोड़ा जाता है? जब तुम जहाज़ को छोड़ने के पहले उसके ऊपर फूँक मारते हो या उसके अंदर या कि उसके नीचे, तब क्या वहाँ कोई अंतर दिखता है?"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"मुत्तज्जी इन जुड़वां भाई-बहन की माँ की माँ की माँ थीं! ओर वह मैसूर में अज्जी के साथ रहती थीं, जो इन दोनों की माँ की माँ, यानी नानी, थीं। किसी को पता नहीं था कि मुत्तज्जी का जन्मदिन असल में कब होता है, लेकिन अज्जी हमेशा से मकर सक्रांति की छुट्टी के दिन उनका जन्मदिन मनाती थीं।"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""हमें जानना है, बस!" पुट्टा और पुट्टी एक साथ ज़ोर से बोल पड़े।"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""शायद इससे तुम्हें कुछ मदद मिले, बच्चों," अज्जी बोलीं। वह सब के लिए मुत्तज्जी की मनपसंद सेवईं की खीर से भरी कटोरियाँ लेकर आईं थीं। "के आर एस का मतलब है कृष्ण राजा सागर बांध, और उसके पास में ही हैं वृन्दावन गार्डन्स। याद है न, हम पिछले साल वहाँ संगीत की धुन के साथ चलने वाले फव्वारे देखने गए थे?""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"अज्जी ने ज़रा सोच कर जवाब दिया, "पक्का तो नहीं, लेकिन तुम दोनों दोपहर के खाने के बाद अपने अज्जा के साथ लाइब्रेरी जाकर वहाँ पता कर सकते हो।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"महाराजा – महारानी की शानदार दावत – (और साथ ही इतिहास से जुड़ी कुछ ओर मनोरंजक जानकारी )"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"बांध जिसने कावेरी को बांधा (1932) – दक्षिणी कर्नाटक और तमिलनाडू में कावेरी नदी बहती है। इस नदी की वजह से पूरा मैसूर बहुत उपजाऊ था। लेकिन, दूसरी नदियों की तरह, मानसून के दौरान, इसमे बाढ़ आ जाती थी और गर्मी के समय, यह सूख जाती थी। लेकिन इस नदी के उपर एक बांध बनने के साथ ही एक जबर्दस्त बदलाव आ गया। और कृष्ण राजा सागर (के आर एस) रिसर्वोयर का निर्माण हुआ। आज भी इसी रिसर्वोयर से पूरे बंगलोर शहर को पीने का पानी मिलता है।"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"गांधीजी का भाषण (1 942 ) - 8 अगस्त 1942 के दिन, बंबई के ग्वालिया टँक मैदान में गांधीजी ने 'भारत छोड़ो भाषण' दिया था। गांधीजी ने लोगों से कहा कि उन्हे अंग्रेज़ी शासन के ख़िलाफ लड़ना होगा। इसके लिए उन्हे हिंसा नहीं, बल्कि उनके साथ असहयोग करना होगा। इसके 5 साल बाद, 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ो का शासन खत्म हुआ और भारत आज़ाद हुआ। आज उसी शांत क्रांति की स्मृति में ग्वालिया टैंक मैदान को अगस्त क्रांति मैदान कहा जाता है !"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"”मैं आपके साथ आ रहा हूँ।“"
स्वतंत्रता की ओर
"”मैं नौ साल का हूँ और आपसे तेज़ दौड़ सकता हूँ!“
धनी ने हठ पकड़ ली, ”आप मुझे साथ आने से रोक नहीं सकते।“"
स्वतंत्रता की ओर
"अन्त में, गाँधी जी अपनी झोंपड़ी की ओर चले। बरामदे में चरखे के पास बैठ कर उन्होंने धनी को पुकारा, ”यहाँ आओ, बेटा!“ धनी दौड़कर उनके पास पहुँचा। बिन्नी भी साथ में कूदती हुई आई।"
स्वतंत्रता की ओर
"”मैं आपसे कुछ पूछना चाहता था,“ धनी थोड़ा घबराया। ”क्या मैं आपके साथ दाँडी आ सकता हूँ?“ हिम्मत करके उसने कह डाला। गाँधी जी मुस्कराये, ”तुम अभी छोटे हो बेटा! दाँडी तो 385 किलोमीटर दूर है! स़िर्फ तुम्हारे पिता जैसे नौजवान ही मेरे साथ चल पायेंगे।“"
स्वतंत्रता की ओर
"”हाँ, ठीक बात है,“ कुछ सोचकर गाँधी जी बोले, ”मगर एक समस्या है। अगर तुम मेरे साथ जाओगे तो बिन्नी को कौन देखेगा? इतना चलने के बाद, मैं तो कमज़ोर हो जाऊँगा। इसलिये, जब मैं वापस आऊँगा तो मुझे खूब सारा दूध पीना पड़ेगा, जिससे कि मेरी ताकत लौट आये।“"
स्वतंत्रता की ओर
"3. इस यात्रा में गाँधी जी के साथ 78 स्वेच्छा कर्मियों (वालंटियरों) ने भाग लिया। उन्होंने 385 किलोमीटर की दूरी तय की।"
स्वतंत्रता की ओर
"हाँ, बिलकुल सही! उन्होंने ढक्कन को पेंच से कसा और ट्यूब के दूसरे हिस्से को पूरी तरह खुला छोड़ा। ट्यूब के बड़े पिछले हिस्से को भरना सचमुच आसान था! ख़ासकर जब तुम्हारे पास पेस्ट के साथ पंप के लिए कुछ हो, जैसे कि पिचकारी। इसके बाद यही करना बाकी रहा कि ट्यूब के उस खुले सिरे को कसकर बंद किया जाए ताकि पेस्ट बाहर न निकले।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"आज टूथपेस्ट मशीन से भरी जाती है। सभी ढक्कन लगे खाली ट्यूब नीचे सिरे से क़तार में कन्वेयर बेल्ट से लगे आगे बढ़ते हैं जिनका दूसरा सिरा ऊपर की तरफ़ खुला होता है। एक बड़े बर्तन में टूथपेस्ट भरा होता है जो कन्वेयर बेल्ट के साथ लगा होता है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"बर्तन के निचले हिस्से में लगे नल से घूमते कन्वेयर बेल्ट के साथ हरएक खाली ट्यूब भरता जाता है। लेकिन पेस्ट उनके सिरे तक नहीं भरा जाता, इन्हें आधा इंच खाली रखा जाता है ताकि अच्छी तरह बंद किया जा सके। अब ट्यूब दबाकर निकालने के लिए तैयार है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"टूथपेस्ट के ढक्कन के साथ मस्ती"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"टूका, पोई और इंजी, एक साथ टहलते हुए, सिर झुकाए, चमकती सड़क और उसके किनारों में, घास में और काई से ढकी चट्टानों पर कुछ मज़ेदार चीजों को ढूंढने में लगे रहते हैं। लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा मज़ा बीजों को इकट्ठा करने में आता है।"
आओ, बीज बटोरें!
"“माँ, अगर बारिश हुई तो? क्या मैं अपने साथ बरसाती ले जाऊँ?” मनु ने पूछा।"
लाल बरसाती
"परवेज़ ने उसका हाथ पकड़ा और दोनों ने एक साथ छलांग लगा कर पार कर लिया।"
कोयल का गला हुआ खराब
"घूम-घूम गंगा नदी में अपने बड़े से घड़ियाल परिवार के साथ रहती है जो दिन भर पानी में छपाके मार-मार कर शोर मचाता रहता है। वह रोज़ खाने के लिए मछलियों और कीड़े-मकोड़ों की तलाश में निकल जाती है। रोज़ ही घूम-घूम की मुलाकात तरह-तरह के जीवों से होती है। घोंघे, ऊदबिलाव, डॉल्फ़िन, मछुआरे, माँझी, बगुले, सारस, भैंस, साँप और कई दूसरे जीव उसे मिलते हैं।"
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र
"सत्यम को रविवार का इंतज़ार रहता है क्योंकि हर रविवार वह माँ के साथ खेत पर जाता है।"
सत्यम, ज़रा संभल के!
"“अरे तुमने एक पैर तोड़ लिया? अगर मेरे पास इतने पैर होते तो मैं भी एक तोड़ लेती! देखो! देखो मुझे!! मेरे दो पैर हैं। एक दूसरे के साथ चलते है। कोई परेशानी नहीं! आसान!”"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"“ठीक है, मेरे साथ गिनो,” गोजर बोली,"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"वह अपनी सखियों के साथ तालाब के पास उड़ती है।"
द्रुवी की छतरी
"एक दिन उन्हें दीदी का पता किताब में मिल गया। बच्चे तुरंत दीदी की खोज में निकल पड़े। साथ में किताबों का थैला उठाना नहीं भूले। खोजते खोजते बच्चों ने एक बस का नंबर पढ़ लिया। चलते चलते उस सड़क का नाम समझ लिया। क्योंकि दीदी ने उन्हें सब सिखाया था।"
दीदी का रंग बिरंगा खज़ाना
"नीना हंस पड़ी और उनके साथ शामिल हो गयी।"
एक सफ़र, एक खेल
"‘‘घास!’’ माँ और बाबा एक साथ बोले।"
एक सफ़र, एक खेल
"मुनिया को यह अहसास हमेशा सताता रहता कि गजपक्षी को पता है कि मुनिया कहीं आसपास है, क्योंकि वह अक्सर उस पेड़ की दिशा में देखता जिसके पीछे वह छुपी होती। हर सुबह मुनिया गाँव के कुएँ से तीन मटके पानी भर लाती और लकड़ियाँ ले आती ताकि उसकी अम्मा चूल्हा फूँक सकें। इसके बाद वह हँसते-खेलते अपनी झोंपड़ी से बाहर चली जाती। अम्मा समझतीं कि वह गाँव के बच्चों के साथ खेलने जा रही है। उन्हें यह पता न था कि मुनिया जंगल में उस झील पर जाती है जहाँ वह विशालकाय एक-पंख गजपक्षी रहता था।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"“लेकिन उस विशालकाय एक-पंख गजपक्षी ने घोड़ा नहीं खाया,” मुनिया ने लँगड़ाते हुए आगे बढ़कर बहुत धीमे स्वर में कहा। “जिस वक्त घोड़ा ग़ायब हुआ, उस वक्त मैं उसके साथ वहीं पर थी!” समूची सभा में एक गहरा सन्नाटा सा छा गया।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"“अपनी चुटिया तो बना नहीं सकती और चली हो हमें सलाह देने?” मुनिया के बाबूजी आँखें तरेरते हुए उसकी तरफ़ बढ़े। “जाओ, जाकर अपने दोस्तों के साथ खेलो!”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"मुखिया ने हैरत भरी नज़र से पूछा, “सारथी, तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और यह नटखट तुम्हारे साथ क्यों है?”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"स्कूल में आज मेरा पहला दिन है। माँ मेरा हाथ पकड़े हुए हैं और मेरे साथ चल रही हैं।"
स्कूल का पहला दिन
"स्कूल में आज मेरा पहला दिन है। माँ मेरा हाथ पकड़े हुए हैं और मेरे साथ चल रही हैं।"
स्कूल का पहला दिन
"मैं यहाँ अपने पूरे परिवार के साथ रहती हूँ।"
मेरा घर
"बैठे-बैठे नन्ही ने फ़र्श पर एक डिब्बा बनाया। डिब्बे के साथ एक और डिब्बा, फिर एक डिब्बा, फिर एक और... नन्ही बनाती गई।"
छुक-छुक-छक
"माँ और सोना एक साथ काम करने लगे।"
सोना बड़ी सयानी
"वह अपनी माँ के साथ एक शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम में जा रहा था।"
संगीत की दुनिया
"विवान यह सुनकर बहुत खुश हुआ और वह दोनो मौसी के साथ हाल के पीछे एक कमरे में गये।"
संगीत की दुनिया
"जहाँ चाहो इसे साथ ले जाना।""
संगीत की दुनिया
"मौसी ने विवान से कहा, "चलो अब कार्यक्रम शुरू होने वाला है। तुम माँ के साथ हाल में जाकर बैठो।""
संगीत की दुनिया
"क्या दादी के जैसे किसी भी चीज़ के साथ बाज़ीगरी करी जा सकती है?"
निराली दादी
"मैं सोचता हूँ कि बारिश का मौसम सबको अच्छा लगता है। यह चारों मौसमों में सबसे अच्छा मौसम है। यह गर्मी के मौसम के तुरंत बाद आता है। बारिश के साथ कभी कभी आँधी आती है,बादल गरजते हैं और बिजली भी चमकती है।"
बारिश हो रही छमा छम
"एक दिन सारे जानवर एक साथ इकट्ठा हुए।"
जंगल का स्कूल
"हमारे साथ दो बड़े और दो छोटे थैले हैं।"
चाचा की शादी
"मेरी मोटी चाची आ गयी हैं।
उनके साथ पतले चाचाजी भी हैं।"
चाचा की शादी
"सुखिया काका और दीनू दोनों गा रहे थे, साथ में ठुमका भी लगा रहे थे।"
बारिश में क्या गाएँ ?
"अलग अलग दालों के बारे में अपने मित्रों से साथ दाल के खेल खेलकर जानिए। घर के किसी बड़े से रसोई से विभिन्न प्रकार की दालों के दाने लेकर देने का अनुरोध कीजिये। उदाहरण के लिए, राजमा, अरहर या तूअर, सफ़ेद चना, सोयाबीन, साबुत मूँग और मटर के दाने। इन सब को एक बड़े कटोरे में डालिये।"
दाल का दाना
"अपनी भारी पूँछ के साथ चलना उसे बहुत मुश्किल लग रहा था। किसी तरह पूँछ खींच-खींच कर वह पेड़ के पास पहुँची।"
चुलबुल की पूँछ
""ओफ़! इस पूँछ के साथ तो मैं भाग भी नहीं पा रही हूँ। मेरी अपनी पूँछ कितनी हल्की थी। मैं कितने आराम से भाग सकती थी," चुलबुल अपनी गलती पर पछताने लगी। किसी तरह गिरते पड़ते वह फिर से डॉक्टर बोम्बो के अस्पताल पहुँची।"
चुलबुल की पूँछ
"आवाज़ को शरीर के सही अंग के साथ मिलाइए।"
चुप! मेरी नाक कुछ कह रही है...
"क्या हमें किसी के साथ जाना चाहिए?
क्या हमें अकेले जाना चाहिए?"
चलो किताबें खरीदने
"“अरे तुमने एक पैर तोड़ लिया? अगर मेरे पास इतने पैर होते तो मैं भी एक तोड़ लेती! देखो! देखो मुझे!! मेरे दो पैर हैं। एक दूसरे के साथ चलता है। कोई परेशानी नहीं! आसान!”"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"“ठीक है, मेरे साथ गिनो,” गोजर बोली,"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"मिथुन चिल्लाया,"चूहा!" और वह बिल्ली के साथ भाग गया।"
चूहा सिकंदर, घर के अंदर
""घर के अंदर चूहा!" सब एक साथ चिल्ला उठे।"
चूहा सिकंदर, घर के अंदर
""यह देखिए दादी माँ, आपकी सुई मिल गई, और साथ ही और बहुत सी खोई हुई चीज़ें भी!""
गुल्ली का गज़ब पिटारा
"जब एक चौकीदार ने उन्हें रोका, चीनू नीचे कूदा। एक खाली बोरी लेकर वह अपने पिता जी के साथ गया। आज उन्हें जो भी सामान मिलेगा वह इस बोरी में भरा जायेगा।"
कबाड़ी वाला
"चीकू के साथ कोई खेलना नहीं चाहता था।"
कचरे का बादल
"कोई भी बच्चा ऐसी लड़की के साथ नहीं खेलना चाहता था जिसके सिर पर हमेशा कचरे का बादल मँडराता हो।"
कचरे का बादल
"फिर एक दिन अम्मा को बहुत गुस्सा आ गया, उसने कहा, "देखना अब यह कूड़ा हमेशा तुम्हारे साथ ही रहेगा!" चीकू हँसती रही।"
कचरे का बादल
"- केले वाले लिफ़ाफ़े की तरह कई चीज़ें आपको बेकार लगती होंगी, लेकिन सब चीज़ें बेकार नहीं होतीं। छिलके के साथ लिफ़ाफ़े को बिल्कुल नहीं फेंकना, उसे वापस घर ले जाकर दोबारा इस्तेमाल कीजिये।"
कचरे का बादल
"चलो ज़रा तुम साथ मेरे"
काका और मुन्नी
"उसको अपने साथ ले जाऊँ"
काका और मुन्नी
"जब आती बरसात, साथ में यह भी चलता जाता।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"तोहफ़ों से लदीं, मेहरुनिस्सा और कमरुनिस्सा अपने भाई अज़हर मियाँ के साथ हाथों में मीठी-निमकी की पत्तलें लिए चली जा रही थीं। ईद के मौके पर तीनों को बहुत उम्दा चिकनकारी किए नए कपड़े मिले थे जिन्हें पहन कर उनका मन बल्लियों उछल रहा था। मेहरु के कुरते पर गहरे गुलाबी रंग के फूल कढ़े थे और कमरु भी फूल-पत्तीदार कढ़ाई वाला कुरता पहने थी। अज़हर मियाँ भी अपनी बारीक कढ़ी नई टोपी पहने काफ़ी खुश दिखाई देते थे।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"चाय के दौर चलते तो साथ ही चटपटी इधर-उधर की खूब गपशप भी होती लेकिन काम बराबर चलता रहता। शाम होती तो सब औरतें अपना काम समेटतीं और घर को रवाना होतीं। उन्हें अपने-अपने परिवार का खाना भी तो तैयार करना होता था।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"कुछ ही रोज़ पहले मुमताज़ आबिदा ख़ाला के साथ लखनऊ आई थी जिससे कशीदाकारी के कुछ नए टाँके सीख सके और घर लौट कर बाकी औरतों को सिखा"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"लखनऊ आकर मुमताज़ को एक और दोस्त मिला-पड़ोस के सब्ज़ी वाले का आठ साल का बेटा, मुन्नु! मुन्नु हर रोज़ अपने पिता के साथ सब्ज़ी-भाजी लिए जगह-जगह फेरी लगाता और अपने ख़ास अंदाज़ में गुहार लगाता, “सब्ज़ी ले लो...ओ...ओ।” हाल ही में उसकी दोस्ती मुमताज़ के साथ हुई थी। हर रोज़ मुमताज़ अपना नाश्ता उसके साथ बाँटती और खाते-खाते दोनों बच्चे लक्का और लोटन के खेल देखा करते।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"“ऐसा है तो जल्दी से जाओ और अपनी नानी की चादर ले आओ, मैं तुम्हें एक खेल दिखाता हूँ,” मुन्नु रुआब से बोला। उसने मुमताज़ को चाँद पाशा के बारे में बताया। चाँद पाशा एक बीमार, बूढ़ा जादूगर था जिससे मुन्नु की मुलाकात अपने पिता के साथ फेरी लगाते हुई थी। उसने मुन्नु को एक बहुत ही मज़ेदार जादू सिखाया था। मुन्नु चाहता था कि मुमताज़ वह जादू देखकर अपना दुःख भूल जाए।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"कुछ देर बाद खुरशीद ने मुमताज़ को कहवा-कश्मीरी चाय और ताज़े सिके गर्मागर्म नान पेश किए। उसने बताया कि कई साल पहले कश्मीर के कशीदाकारों ने लखनऊ के नवाब के यहाँ जाकर वहाँ के चिकनकारों के साथ काम किया था।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"मुमताज़ इतनी खुश थी कि पूछो मत! और वह चाहती थी कि उसकी इस खुशी में उसकी दोनों बहनें भी शरीक हों। उसने कमरु और मेहरु से कहा कि वे भी उसके साथ उस आयोजन में चलें। मुमताज़ की सच्ची खुशी देखकर और अपनी ईर्ष्या सोचकर दोनों को बहुत मलाल हुआ।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"माँ कहती है कि लोगों को घूरना अच्छी बात नहीं है। लेकिन मैं तो देखता हूँ कि सभी तुम्हें घूरते हैं। वे मुझे भी घूरते हैं क्योंकि मुझे तुम्हारे साथ रहना होता है, तुम्हारा ध्यान रखने के लिए। तुम हमारे स्कूल में क्यों आइं? तुमने अपनी पढ़ाई उसी स्कूल में जारी क्यों नहीं रखी जहाँ तुम पहले पढ़ती थीं?"
थोड़ी सी मदद
"सुनो, मैं तुम्हें एक सलाह देना चाहता हूँ। यह ठीक है कि तुम हमारे स्कूल में नई हो। लेकिन अगर तुम चाहती हो कि कोई तुम्हें घूर-घूर कर न देखे, और तुम्हारे बारे में बातें न करें, तो तुम्हें भी हर समय सबसे अलग-थलग खड़े रहना बंद करना होगा। तुम हमारे साथ खेलती क्यों नहीं? तुम झूला झूलने क्यों नहीं आतीं? झूला झूलना तो सब को अच्छा लगता है। तुम्हें स्कूल में दो हफ्ते हो चुके हैं, अब तो तुम खुद भी आ सकती हो। मैं हमेशा तो तुम्हारा ध्यान नहीं रख सकता न।"
थोड़ी सी मदद
"तुम जानती हो न कि सँयोग क्या होता है? यह ऐसी बात है कि जैसे तुम कुछ कहो और थोड़ी देर में वही बात कुछ अलग तरीके से सच हो जाए। पिछले पत्र में मैंने तुम्हें सुमी और जूतों के फीतों के बारे में बताया था। और उसके बाद, आज, मैंने तुम्हें जूतों के फीते बाँधते हुए देखा। वाह, यह अद्भुत था! मैं सोचता हूँ कि तुमने यह काम मुझसे ज़्यादा जल्दी किया जबकि मैं दोनों हाथों से काम करता हूँ। अगर तुम मेरी दोस्त न होतीं तो मैं तुम्हारे साथ जूते के फीते बाँधने की रेस लगाता। नहीं, नहीं, शायद मैं तुम्हें कहता कि मुझे भी एक हाथ से फीते बाँधना सिखाओ।"
थोड़ी सी मदद
"सुनो, हमारे साथ खेलने के बारे में मैने पहले जो कुछ भी कहा है उसके लिए मैं क्षमा माँगता हूँ। मुझे लगता है कि तुम सिर्फ़ शर्माती हो। और मैंने एक ही हाथ का इस्तेमाल करते हुए झूला झूलने की भी कोशिश की। और यह काम बहुत ही मुश्किल है, झूले को दोनों हाथों से पकड़ कर न रखा जाए तो शरीर का संतुलन नहीं बन पाता। लेकिन तुम जैसे जँगल जिम की उस्ताद हो। भले ही तुम बार पर लटक नहीं पातीं लेकिन तुम सचमुच बहुत तेज दौड़ती हो, अली से भी तेज, जिसे खेल दिवस पर पहला इनाम मिला था।"
थोड़ी सी मदद
"अ. कक्षा की सबसे होशियार छात्रा से कहेंगे कि वह अपने नोट्स उसे पढ़ने के लिए दे दे। ब. अध्यापिका से कहेंगे कि उसकी मदद करना उनका काम है। स. उससे पूछेंगे कि क्या उसे आपकी मदद चाहिए। 4. आपकी कक्षा की नई छात्रा जरा शर्मीली है। वह किसी के साथ नहीं खेलती। आप क्या करेंगे? अ. उससे कुछ नहीं कहेंगे। जब उसकी झिझक मिट जाएगी तब खेलने लगेगी। ब. उसे बुला कर खेल में शामिल होने को कहेंगे। स. उस के पास जा बैठेंगे। शायद वह बातें करने लगे।"
थोड़ी सी मदद