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Revision #3 (2021-01-18 13:44)
Nya Ξlimu
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Storybook paragraphs containing word (13)

"अलग-अलग परिवारों को लाजपत नगर के बाज़ार ले जाना, अर्जुन को बहुत पसंद था। सैलानी जब चार पहियों की जगह तीन पहियों की सवारी चुनते तो उसका मन खुशी से झूम उठता। शिरीष जी के साथ कुतुब मीनार के पास पेड़ की छाँव में आराम करना उसे बहुत अच्छा लगता।"
उड़ने वाला ऑटो

"संख्या चार पर 4, लिखने से सुन्दर डिजाइन या रंगोली बन जाती है।"
कितनी मज़ेदार है बांग्ला संख्याएं

"बांग्ला भाषा में संख्या चार ৪ है।"
कितनी मज़ेदार है बांग्ला संख्याएं

"तितलियाँ! मुझे दिख रही हैं तितलियाँ! मुझे दिख रहीं हैं चार तितलियाँ! क्या आप को भी दिख रही हैं?"
तितलियां

"तीन झींगुर उसकी मदद करने के लिए आगे बढ़े। फिर नारियल वाले मोटू भँवरे ने अपने दोस्तों को गिनना शुरू किया, “एक, दो, तीन, चार! चार तो एक सम संख्या है!”"
एक, तीन, पाँच, मदद! मदद!

"एक टिटहरी ने चार अंडे दिए।"
कुत्ते के अंडे

"तभी अंडों से बच्चे निकलने लगे। एक-एक कर चार बच्चे।"
कुत्ते के अंडे

"माँ ने सोना को कपड़ा और रंग दिए। सोना ने तीन चार ठप्पे उठा लिए।"
सोना बड़ी सयानी

"बस चार चीज़ जो पड़ें दिखाई"
निराली दादी

"उसकी दो आँखें, चार पाँव और एक लम्बी पूँछ थी।"
चूहा सिकंदर, घर के अंदर

"इस पृष्ठ में चार तत्वों वायु, जल, पृथ्वी और दहकते हुए सूर्य को दर्शाया गया है। जैसे इस किताब में कागज़ के टुकड़ों का इस्तेमाल हुआ है वैसे ही तुम कागज़ के टुकड़े"
काका और मुन्नी

"अब्बू अच्छा-ख़ासा कमा लेते थे। इसलिए अम्मी को कढ़ाई का काम नहीं करना पड़ता था। कमरु और मेहरु पढ़ने के लिए मस्ज़िद के मदरसे जाती थीं जबकि अज़हर लड़कों के स्कूल जाते थे। कमरु और मेहरु थोड़ी-बहुत कढ़ाई कर लेती थीं लेकिन उनके काम की तारीफ़ कुछ ज़्यादा ही होती थी। उनके अब्बू ठेकेदार जो थे। आसपास रहने वाली सभी औरतों को काम मिलता रहे, उनके चार पैसे बन जाएँ-यह सब अब्बू ही तो करते थे।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"दस्तकार हाट समिति भारतीय शिल्पकारों की एक विशाल संस्था है जो कि इस देश की पारंपरिक दस्तकारी से जुड़े लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्यरत है। चार कहानियों की इस शृंखला को चित्रित करने के लिए प्रांतीय कला और शिल्प के नमूनों का इस्तेमाल किया गया है जिससे भारत की भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक संवेदनाओं को साझा किया जा सके। हम युनेस्को, नई दिल्ली, के आभारी हैं जिनके योगदान से यह कार्य पूरा हुआ।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने