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Nya Ξlimu
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Storybook paragraphs containing word (34)

"बादल तेज़ी से आगे बढ़ गया."
कहानी- बादल की सैर

"उस औरत ने भी पानी पिया और पीते-पीते आगे बढ़ते अर्जुन पर भी 
थोड़ा-सा पानी छलक कर गिर गया।"
उड़ने वाला ऑटो

"“फट फट टूका, टूका टुक” करते हुए वह आगे बढ़ा और अपने एक भाई को मुस्करा कर कहा, “हेलो!”"
उड़ने वाला ऑटो

"आगे बढ़ते ही अर्जुन को अचानक महसूस हुआ कि उसके पहिये पर दबाव कम होने लगा है, उसके सामने की भीड़ छँटने लगी है और वह बहुत आराम से आगे बढ़ गया है, “जाने दो अर्जुन भाई,” उसके चाचा ने कहा।"
उड़ने वाला ऑटो

"उसकी जानी-पहचानी दुनिया में हर सफ़र का एक मक़सद था, हर मंज़िल के आगे एक नई मंज़िल थी।"
उड़ने वाला ऑटो

"इंजिन बहुत ही मज़बूत यंत्र है जो हवाई जहाज़ के दिमाग की तरह (तेज़) काम करती है। जिस तरह पक्षी अपना दिमाग लगाते हैं और सीखते हैं कि कैसे उड़ा जाय,वैसे ही इंजिन विमान को ज़मीन से ऊपर की ओर धकेलती है और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

"जब विमान की इंजिन ईंधन को जलाती है तो वे बहुत ही तेज़ गति से गर्म गैसें छोड़ती हैं, जिससे इंजिन के पीछे हवा का दबाव बनता है और उससे विमान आगे बढ़ता है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

""फिर कुछ साल बाद," मुत्तज्जी ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा, "मेरी शादी हो गयी। उस समय कानून था कि शादी के लिए लड़की की उम्र कम से कम 15 साल होनी चाहिए, और मेरे पिता कानून कभी नहीं तोड़ते थे। तो उस समय मेरी उम्र करीब 16 साल की रही होगी। और मेरी शादी के बाद जल्द ही तुम्हारे मुत्तज्जा को बम्बई में नौकरी मिल गयी और हम मैसूर छोड़कर वहाँ चले गए।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

"”नमक की ज़रूरत सभी को है...इसका मतलब है कि हर भारतवासी, गरीब से गरीब भी, यह कर देता है,“ बिन्दा चाचा ने आगे समझाया।"
स्वतंत्रता की ओर

"यह डॉ. शेफील्ड का बेटा ल्यूसियस था, जिसने अब अपने दातुन को टूथपेस्ट के मर्तबान में डुबाने से इनकार कर दिया और फैसला किया कि वह आगे से दंतमंजन का उपयोग करेगा। लेकिन एक विचार उसके दिमाग में घूमता रहा - टूथपेस्ट के उपयोग का इससे बेहतर कोई तो तरीक़ा होगा!"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?

"आज टूथपेस्ट मशीन से भरी जाती है। सभी ढक्कन लगे खाली ट्यूब नीचे सिरे से क़तार में कन्वेयर बेल्ट से लगे आगे बढ़ते हैं जिनका दूसरा सिरा ऊपर की तरफ़ खुला होता है। एक बड़े बर्तन में टूथपेस्ट भरा होता है जो कन्वेयर बेल्ट के साथ लगा होता है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?

"मलार अब आगे क्या बनाएगी?"
मलार का बड़ा सा घर

"दस मिनट बाद वह अपनी सीट पर ठीक तरह से कुर्सी की पेटी बाँध कर बैठ गए। जहाज़ चलने पर राजू खिड़की से बाहर देखने लगा। जहाज़ पहले धीरे-धीरे आगे बढ़ा फिर देखते ही देखते उसकी रफ़्तार काफ़ी तेज़ हो गई। राजू को लगा कि उसकी कुर्सी थरथरा रही है।"
राजू की पहली हवाई-यात्रा

"घूम-घूम ने आगे देखा और पीछे देखा। दाएँ देखा-बाएँ देखा। "पापा?""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"उसने ख़ुद को अकेला पाया। परिवार के दूसरे सदस्य उसे छोड़ कर आगे निकल गए थे।"
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"अचानक एक डाॅल्फ़िन ने उसके आगे पानी से बाहर छलाँग लगाई।"
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"वह तुम्हें सब जगह ढूँढ रहे थे छुटकी! सुनो, नदी में आगे कुछ दूरी पर तुम्हें सब मिल जाएँगे। ध्यान से सुनो, उनकी आवाज़ें भी सुनाई दे रही हैं।""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"और अपनी बांह को आगे को तानती है।"
जादुर्इ गुटका

"तीन झींगुर उसकी मदद करने के लिए आगे बढ़े। फिर नारियल वाले मोटू भँवरे ने अपने दोस्तों को गिनना शुरू किया, “एक, दो, तीन, चार! चार तो एक सम संख्या है!”"
एक, तीन, पाँच, मदद! मदद!

"पाँच रंग-बिरंगे लिली पतंगे मदद के लिए आगे आए। नारियल वाले मोटे भँवरे ने अपने दोस्तों की गिनती की।"
एक, तीन, पाँच, मदद! मदद!

"फिर सात मकड़ियाँ कूदते-फाँदते मदद करने आगे बढ़ीं।"
एक, तीन, पाँच, मदद! मदद!

"“अरे कोई उन जालीदार पंखों वाले पतंगों को बुलाओ,” गुबरैला ने ज़ोर से कहा। नौ जालीदार पंखों वाले पतंगे मदद के लिए आगे आए।"
एक, तीन, पाँच, मदद! मदद!

"एक दिन, मुनिया ने बाहर खुले में आने की हिम्मत बटोरी। अपना सिर घुमाये बिना उस विशालकाय ने पहले तो अपनी आँखें घुमाकर मुनिया को देखा और फिर उन्हे बंद कर उसने मुनिया के आगे बढ़ने की कोई परवाह नहीं की। उसके सिर पर भनभनातीं मक्खियों से ज़्यादा ध्यान न खींच पाने के चलते मुनिया धम्म से अपने पैर पटक उसकी ओर बढ़ी। अचानक उस विशालकाय ने अपना एक पंजा उठाया। मुनिया चीखी और झील के उथले पानी में सिर के बल गिर पड़ी। पानी में भीगी-भीगी जब वह झील से बाहर आयी तो क्या देखती है कि गजपक्षी का समूचा बदन हिलडुल रहा है। वह समझ गयी कि वह हँस रहा था!"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"“लेकिन उस विशालकाय एक-पंख गजपक्षी ने घोड़ा नहीं खाया,” मुनिया ने लँगड़ाते हुए आगे बढ़कर बहुत धीमे स्वर में कहा। “जिस वक्त घोड़ा ग़ायब हुआ, उस वक्त मैं उसके साथ वहीं पर थी!” समूची सभा में एक गहरा सन्नाटा सा छा गया।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"अगली सुबह सारे गाँव वाले लाठियाँ, भाले, नुकीले पत्थर, और बड़े-बड़े चाकू लेकर जंगल झील पर इकट्ठे हुए। विशालकाय एक-पंख गजपक्षी उस वक्त झील के समीप आराम फ़रमा रहा था जब गाँव वालों की भीड़ उसकी ओर बढ़ी। पक्षी की पंखहीन पीठ धूप में चमक रही थी। वह धीरे से उठा और अपनी तरफ़ आती भीड़ को ताकने लगा। उसके विराट आकार को देख गाँव वाले थोड़ी दूर पर आकर रुक गये और आगे बढ़ने को लेकर दुविधा में पड़ गये। पल भर की ठिठक के बाद मुखिया चिल्लाया, “तैयार हो जाओ!” भीड़ गरजी, अपने-अपने हथियारों पर उनके हाथों की पकड़ और मज़बूत हुई और वे तैयार हो चले उस भीमकाय को रौंदने के लिए।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"“ठहरो!” सारे शोर-शराबे को चीर कर मुनिया की पतली सी आवाज़ आयी। भीड़ और उस महाकाय के बीच से लँगड़ाती हुई वह आगे बढ़ी। “मुनिया! तुरन्त वापस आ जाओ!” मुनिया के बाबूजी का आदेश था। “उसे पकड़ो तो!” मुनिया के बाबूजी और एक ग्रामीण उसकी ओर दौड़ पड़े। महाकाय को दो कदम आगे बढ़ता देख वे लोग रुक गये। “कोई बात नहीं... अगर तुम लोग यही चाहते हो तो हम लोग तुम दोनों से इकट्ठे ही निपटेंगे!” अपने हाथ में भाला उठाये वह हट्टा-कट्टा आदमी चीखा।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"जैसे मैं आगे बढ़ती जाती हूँ, माँ छोटी दिखती जाती हैं।"
स्कूल का पहला दिन

"जैसे मैं आगे बढ़ती जाती हूँ, माँ छोटी दिखती जाती हैं।"
स्कूल का पहला दिन

"कुछ ही देर में, नौका नदी में हिचकोले खाती, पेड़ों के बगल से हिलती डुलती आगे बढ़ी। काटो ने बहुत सारी बत्तखों को तैरते हुए देखा। मछलियाँ भी पानी से सिर निकालकर होंठ गोल करके “हैलो” बोलतीं। हंसों का एक जोड़ा भी अपनी लम्बी ख़ूबसूरत गर्दन मटकाते हुए पास से गुज़रा।"
नौका की सैर

"तोता सबसे आगे उड़ा।"
जंगल का स्कूल

"चींटी दाने को लेकर आगे बढ़ी तो रास्ते में उसे बाल्टी मिली।"
दाल का दाना

"मेंढक और कछुए भी बहुत डर गए। क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। सब निराश होकर बैठ गये। रोज़ की तरह दादा से रेडियो छीनने कोई नहीं आया। आगे की चिन्ता सभी को सता रही थी।"
मछली ने समाचार सुने

"सबने निश्‍चय किया कि आगे से दादा का ख़याल रखेंगे।"
मछली ने समाचार सुने

"रहमत ने कई पटके उठाये और अकबर की कमर पर एक आसमानी रंग का पटका ऐसे बाँधा कि झालरदार सिरे आगे की तरफ़ लटकें।"
रज़ा और बादशाह