"क्या मैं अपने दिल को और तेज़ कर सकती हूँ? और आवाज़ भी बढ़ा सकती हूँ...? हाँ, अगर मैं बीस बार ऊपर-नीचे कूदूँ!" चुप! मेरी नाक कुछ कह रही है...