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Revision #1 (2020-08-13 12:07)
Nya Ξlimu
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Storybook paragraphs containing word (36)

"“अभी नहीं, अभी नहीं। तुम्हें थोड़ा रुकना पड़ेगा!” 
लेकिन मैं रुकना नहीं चाहता।"
अभी नहीं, अभी नहीं!

"“हाँ!” अम्मा बोली, “तुम्हारे रात के दोस्त रात को ही अपना काम करते हैं। वे रात को ही खाते और खेलते हैं। वे दिन में आराम करते हैं। तुम अब सो जाओ। नींद तुम्हें ताकत देगी, ताकि कल तुम अपने दिन के दोस्तों के साथ खेल सको। सो जाओ मेरे प्यारे बच्चे!”"
सो जाओ टिंकु!

""सुनो! तुम्हारा नाम क्या है? क्या तुम्हें बोर्ड पर ध्यान नहीं देना चाहिए?" कक्षा में पढ़ा रही नई अध्य्यापिका ने कहा।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

""सरला! तुम्हें कुछ समय पुस्तकालय में बिताना चाहिए। वहाँ पक्षियों और विमानों के बारे में बहुत -सी किताबें हैं, और यंत्रों के बारे में भी, जैसे कि हवाई जहाज़।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

""शायद इससे तुम्हें कुछ मदद मिले, बच्चों," अज्जी बोलीं। वह सब के लिए मुत्तज्जी की मनपसंद सेवईं की खीर से भरी कटोरियाँ लेकर आईं थीं। "के आर एस का मतलब है कृष्ण राजा सागर बांध, और उसके पास में ही हैं वृन्दावन गार्डन्स। याद है न, हम पिछले साल वहाँ संगीत की धुन के साथ चलने वाले फव्वारे देखने गए थे?""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

"”नमक?“ धनी चौंक कर उठ बैठा, ”नमक क्यों बनायेंगे? वह तो किसी भी दुकान से खरीदा जा सकता है।“
 ”हाँ, मुझे मालूम है।“ बिन्दा हँसा, ”पर महात्मा जी की एक योजना है। यह तो तुम्हें पता ही है कि वह किसी बात के विरोध में ही यात्रा करते हैं या जुलूस निकालते हैं, है न?“"
स्वतंत्रता की ओर

"”बिल्कुल बेवकूफ़ी नहीं है धनी! क्या तुम्हें पता है कि हमें नमक पर कर देना पड़ता है?“"
स्वतंत्रता की ओर

"“हमारे स्कूल के बाहर खड़ा वो लंबा पेड़ तुम्हें याद है? "
तारा की गगनचुंबी यात्रा

"“यह देख गिलहरियाँ मदद के लिए चिल्लाने लगीं। तुम्हें उन्हें सुनना चाहिए था! "
तारा की गगनचुंबी यात्रा

"“परवेज़, तुमने आज सुनने की मशीन नहीं लगायी है! तुम जानते हो ठीक से सुनने के लिए तुम्हें उसकी ज़रूरत पड़ती है न,”"
कोयल का गला हुआ खराब

"ऊदबिलाव बोला, "नहीं, लेकिन मैंने आसमान में बहुत सारे तारे टिमटिमाते ज़रूर देखे हैं। तुम्हें देखने हैं?""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"वह तुम्हें सब जगह ढूँढ रहे थे छुटकी! सुनो, नदी में आगे कुछ दूरी पर तुम्हें सब मिल जाएँगे। ध्यान से सुनो, उनकी आवाज़ें भी सुनाई दे रही हैं।""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

"“ओ मेरी नन्ही दोस्त! तुम्हें क्या हुआ,"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर

"हैलो! तुम्हें पता है, मैं बहुत फुर्तीला हूँ।"
अरे...नहीं!

"‘‘क्या तुम्हें तेंदुआ दिखाई दिया?’’ माँ ने पूछा।"
एक सफ़र, एक खेल

"‘‘आज तुम्हें नाच करवाता हूँ!’’ गप्पू ने एक छिलका फेंक दिया।"
पहलवान जी और केला

"पहलवान फिर फिसला और गिरा धड़ाम से। ‘‘अच्छी कलाबाज़ी खाते हो। तुम्हें तो सर्कस में काम करना चाहिये।’’ गप्पू हँस पड़ा।"
पहलवान जी और केला

"कार्यक्रम शुरू होने में अभी समय है, क्‍या तुम अंदर आना चाहोगे? मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूँ।""
संगीत की दुनिया

"विवान ने हैरान होकर पूछा, "वाद्य-यंत्र क्‍या होता है?"मौसी ने विवान को समझाया, "वाद्य-यंत्रों से बजता है संगीत। आओ, तुम्हें इनसे परिचित करवाती हूँ।""
संगीत की दुनिया

""मैंने तुम्हें पहले ही मना किया था," डॉक्टर बोम्बो कुछ गुस्से में बोले।"
चुलबुल की पूँछ

""अब तुम्हें समझ आई है," डॉक्टर बोम्बो मुस्कुराये।"
चुलबुल की पूँछ

"दुकानदार हमें देखकर मुस्कराया।
 “बच्चों, आओ मेरे साथ,” उसने कहा।
 “यह किताबें जानवरों के बारे में हैं। वे परियों के बारे में हैं।
 ऊपर वाली लड़ाइयों के बारे में हैं। तुम्हें जो चाहिए, ले लो।”"
चलो किताबें खरीदने

"“ओ मेरी नन्ही दोस्त! तुम्हें क्या हुआ,"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर

"“अजी ओ भैया कुत्ते प्यारे, काका आया पास तुम्हारे आज तुम्हें दावत खिलवाऊँ मोटा-ताज़ा हिरन दिखाऊँ, बस सींग उसका मैं ले लूँगा उससे थोड़ी मिट्टी खोदूँगा मिट्टी कुम्हार को दे दूँगा जिससे बनाये वो एक कसोरा जिसमें मैं पानी भर लाऊँ अपनी गन्दी चोंच धुलाऊँ फिर खा लूँ मुन्नी के अंडे और काँव-काँव चिल्लाऊँ ताकि सभी सुनें और जान जायें मैं हूँ सबसे बाँका सबसे छैला कौवा!”"
काका और मुन्नी

"“सूखा पुआल खा कर दूध कहाँ से दूँ? हाँ थोड़ी रसीली घास खाने को मिल जाए तो मैं ज़रूर तुम्हें दूध दे दूँ,” भैंस ने रम्भा कर जवाब दिया।"
काका और मुन्नी

"“ऐसा है तो जल्दी से जाओ और अपनी नानी की चादर ले आओ, मैं तुम्हें एक खेल दिखाता हूँ,” मुन्नु रुआब से बोला। उसने मुमताज़ को चाँद पाशा के बारे में बताया। चाँद पाशा एक बीमार, बूढ़ा जादूगर था जिससे मुन्नु की मुलाकात अपने पिता के साथ फेरी लगाते हुई थी। उसने मुन्नु को एक बहुत ही मज़ेदार जादू सिखाया था। मुन्नु चाहता था कि मुमताज़ वह जादू देखकर अपना दुःख भूल जाए।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"“अच्छा, अब अपनी आँखें बंद करो और चादर का एक कोना थाम लो। दूसरा कोना मैं पकड़ लेता हूँ। अब एक लंबी साँस लो और खूब अच्छी तरह सोचो कि ऐसी कौन सी चीज़ है जो तुम्हें सबसे ज़्यादा चाहिए,” मुन्नु बोला।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"मैडम ने कहा था कि मुझे तुम्हारी मदद करनी है और तुम्हें यह दिखाना है कि स्कूल में कौन सी जगह कहाँ है, क्योंकि तुम स्कूल में नई आई हो। लेकिन उन्होंने मुझे इस बारे में और कुछ नहीं बताया था।"
थोड़ी सी मदद

"माँ कहती है कि लोगों को घूरना अच्छी बात नहीं है। लेकिन मैं तो देखता हूँ कि सभी तुम्हें घूरते हैं। वे मुझे भी घूरते हैं क्योंकि मुझे तुम्हारे साथ रहना होता है, तुम्हारा ध्यान रखने के लिए। तुम हमारे स्कूल में क्यों आइं? तुमने अपनी पढ़ाई उसी स्कूल में जारी क्यों नहीं रखी जहाँ तुम पहले पढ़ती थीं?"
थोड़ी सी मदद

"सुनो, मैं तुम्हें एक सलाह देना चाहता हूँ। यह ठीक है कि तुम हमारे स्कूल में नई हो। लेकिन अगर तुम चाहती हो कि कोई तुम्हें घूर-घूर कर न देखे, और तुम्हारे बारे में बातें न करें, तो तुम्हें भी हर समय सबसे अलग-थलग खड़े रहना बंद करना होगा। तुम हमारे साथ खेलती क्यों नहीं? तुम झूला झूलने क्यों नहीं आतीं? झूला झूलना तो सब को अच्छा लगता है। तुम्हें स्कूल में दो हफ्ते हो चुके हैं, अब तो तुम खुद भी आ सकती हो। मैं हमेशा तो तुम्हारा ध्यान नहीं रख सकता न।"
थोड़ी सी मदद

"कभी-कभी, मेरी समझ में नहीं आता कि तुम्हें कैसे समझाऊँ। मैं"
थोड़ी सी मदद

"आज जब सुमी, गौरव और मैं स्कूल आ रहे थे तो वे एक खेल खेल रहे थे, जो उन्होंने ही बनाया था। इस खेल को वे एक हाथ की चुनौती कह रहे थे। इस का नियम यह था कि तुम्हें एक हाथ से ही सब काम करने हैं- जैसेकि अपना बस्ता समेटना या फिर अपनी कमीज़ के बटन लगाना।"
थोड़ी सी मदद

"तुम जानती हो न कि सँयोग क्या होता है? यह ऐसी बात है कि जैसे तुम कुछ कहो और थोड़ी देर में वही बात कुछ अलग तरीके से सच हो जाए। पिछले पत्र में मैंने तुम्हें सुमी और जूतों के फीतों के बारे में बताया था। और उसके बाद, आज, मैंने तुम्हें जूतों के फीते बाँधते हुए देखा। वाह, यह अद्भुत था! मैं सोचता हूँ कि तुमने यह काम मुझसे ज़्यादा जल्दी किया जबकि मैं दोनों हाथों से काम करता हूँ। अगर तुम मेरी दोस्त न होतीं तो मैं तुम्हारे साथ जूते के फीते बाँधने की रेस लगाता। नहीं, नहीं, शायद मैं तुम्हें कहता कि मुझे भी एक हाथ से फीते बाँधना सिखाओ।"
थोड़ी सी मदद

"पता है जब मैंने तुम्हें बस में देखा तो मैं बहुत हैरान हुआ था। मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि मेरे पिता और तुम्हारे पिता एक ही जगह काम करते हैं! लेकिन मैं बहुत खुश हूँ कि तुम दफ़्तर की पिकनिक में आईं, क्योंकि पिछले साल जब हम दफ़्तर की पिकनिक पर गए थे तब उसमें मेरी उम्र का कोई भी बच्चा नहीं था और बड़ों के बीच अकेले-अकेले मुझे ज़रा भी अच्छा नहीं लगा था। मैं बहुत ऊब गया था।"
थोड़ी सी मदद

"मुझे लगता है कि मुझे यह बात पहले ही तुम्हें बता देनी चाहिए थी- जब भी वार्षिकोत्सव आने वाला होता है, प्रिंसिपल साहब कुछ सनक से जाते हैं। वे तुम पर चिल्ला सकते हैं - वे किसी को भी फटकार सकते हैं। अगर ऐसा हो, तो बुरा न मानना। मेरी माँ कहती है कि वे बहुत ज़्यादा तनाव में आ जाते हैं, क्योंकि वार्षिकोत्सव कैसा रहा इससे पता चलता है कि उन्होंने काम कैसा किया है।"
थोड़ी सी मदद

"ओह! मुझे अभी अहसास हुआ है कि मैंने तुम्हें जो दो आखीरी पत्र लिखे हैं, उनमें मैंने तुम्हारे प्रॉस्थेटिक हाथ के बारे में बात ही नहीं की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं इसके बारे में बिल्कुल ही भूल गया था और मेरे पास तुम्हें बताने के लिए और भी बातें थीं। मज़ेदार बात यह है कि तुम्हारे हाथ को लेकर अब मेरे मन में कोई सवाल नहीं उठते। न जाने क्यों!"
थोड़ी सी मदद