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Revision #1 (2020-10-29 11:46)
Nya Ξlimu
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Storybook paragraphs containing word (28)

"टिंकु और उसके दोस्त हँसे और उछले-कूदे। वे इधर से उधर लुढ़के, जब तक कि टिंकु को उबासी आने लगी। हा! वह बहुत थक गया था। “मुझे नींद आ रही है अब घर जाना है,” टिंकु बोला।"
सो जाओ टिंकु!

"शिरीष जी फिर से काम में जुट गए थे। उस शहर के जाने पहचाने जादू 
के नशे में हर सिग्नल, हर साईन बोर्ड, हर मोड़ उनसे कुछ कह रहा था। 
बहुत जल्द उनका पुराना जाना पहचाना चेहरा फिर शीशे में दिखने लगा था। वह जानते थे कि उन्हें कहाँ जाना है। वह तो वहाँ पहुँच ही गये थे।
 उस औरत की साड़ी फिर से फीकी पड़ गई थी लेकिन उसका चेहरा चमक रहा था।
 वे ज़मीन पर पहुँच गए थे। अर्जुन के पहियों ने गर्म सड़क को छुआ। इंजन ने राहत की साँस ली..."
उड़ने वाला ऑटो

"“ध्यान से जाना भाई,” सड़क के नुक्कड़ से उसके एक भाई ने कहा।"
उड़ने वाला ऑटो

"उसे पता था उसे क्या करना चाहिए। पिशि ने होश सँभाले। वह अपने दोस्तों के बीच वापस जाना चाहती थी। पर उस से पहले घाव का ठीक होना ज़रूरी था। वह तेज़ी से तट की ओर तैरने लगी।"
पिशि फँसी तूफ़ान में

"जानवरों की खालों और छड़ियों से बनी आदिवासी अमेरिकनों की टीपी ठंड से बचाती है। इन्हें लपेट कर कहीं ले जाना भी आसान होता है।"
सबसे अच्छा घर

"खेमा: मंगोलिया के लोग लकड़ी के ढाँचे और मोटे ऊनी नमदे के कालीनों से ख़ूब गर्म और हल्के घर बनाते हैं। जब कहीं और जाना हो तो लोग लकड़ी की पट्टियों और नमदों को घोड़ों और याकों पर लाद कर मकान को भी साथ ले जाते हैं।"
सबसे अच्छा घर

"वैसे क्या तुम अपनी साँसे सुन सकते हो? नहीं ना! पर मधुमक्खियाँ सुन सकती हैं। भन-भन की आवाज़ मधुमक्खियों के साँस लेने से भी होती है। उनका शरीर छोटा व कई टुकड़ों में बँटा होता है। तो जब साँस लेने से हवा अंदर जाती है, तो उसे कई टेढ़े-मेढ़े व ऊँचे-नीचे रास्तों को पार कर के जाना पड़ता है। और इसी वजह से भन-भन की आवाज़ होती है।"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?

"विमान जानते हैं कि उन्हें कहाँ जाना है, क्योंकि विमानचालक उन्हें चलाते हैं। ये चालक विमान के अंदर, सामने की एक जगह, जिसे चालक स्थल (कॉकपिट) कहते हैं, से उन्हें नियंत्रित (कंट्रोल) करते हैं। वे बहुत ही सटीक और आधुनिक डिवाइसों के द्वारा हवाई अड्डों (एक जगह जहाँ हवाई जहाज़ उड़ान भरते और उतरते हैं) के संपर्क में रहते हैं। जिस तरह हमारी मदद के लिए सड़क पर सिग्नल और पुलिस होती है, वैसे ही वायु यातायात नियंत्रक (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) होते हैं जो विमान चालक को बताते हैं कि कब और किस ओर उड़ान भरनी है और कब उड़ान भरना या उतरना सुरक्षित रहेगा।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

"वह आज बहुत खुश थे! आज तो मुत्तज्जी जी का जन्मदिन था और उन दोनों को रेलगाड़ी से उनसे मिलने जाना था।"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

""मैं एक अनोखे और मज़ेदार सफ़र पर गई थी, पापा!" घूम-घूम ने खिलखिलाकर कहा और बोली - "और कल फिर मुझे जाना है!""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र

""गहरे पानी में मत जाना बेटा," माँ ने होशियार किया।"
सत्यम, ज़रा संभल के!

"मुझे सलीम की गली में जाना अच्छा लगता है।"
आनंद

"‘‘क्या हमें सचमुच यहाँ से जाना ही पड़ेगा?’’ नीना ने पूछा।"
एक सफ़र, एक खेल

"वह गेट पर रुक गईं। मुझे अंदर अकेले जाना है।"
स्कूल का पहला दिन

"डरना मैंने जाना ना"
सबरंग

"क्या हमें बड़े बाज़ार जाना चाहिए?
 क्या हमें छोटी दुकान में जाना चाहिए?"
चलो किताबें खरीदने

"क्या हमें किसी के साथ जाना चाहिए?
 क्या हमें अकेले जाना चाहिए?"
चलो किताबें खरीदने

"जानती हो कल क्या हुआ? गौरव, अली और सातवीं कक्षा के उनके दो और दोस्त स्कूल की छुट्टी के बाद मेरे पीछे पड़ गए। तुम समझ ही गई होगी कि वह क्या जानना चाहते होंगे! उन्होंने मेरा बस्ता छीन लिया और वापस नहीं दे रहे थे। बाद में उन्होंने उसे सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया। उसे लाने के लिए मुझे घिसटते हुए ढलान पर जाना पड़ा। मेरी कमीज़ फट गई और माँ ने मुझे डाँटा।"
थोड़ी सी मदद

"किसी ने उसका कलम चुरा लिया? कलम तो उसके बस्ते में था। उसकी चप्पल टूट गई और उसे मरम्मत कराने जाना पड़ा। नहीं रे। चप्पल तो उसकी बिल्कुल नई थी।"
कल्लू कहानीबाज़

"हालाँकि झाँसी में ध्यान स्कूल जाना बंद कर चुके थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता"
ध्यान सिंह  'चंद'  : हॉकी के जादूगर

"जब वह थक जाता तो खुद को सीढ़ियों के जंगले पर फिसलते हुए देखता और सब अंक उसकी ओर हाथ हिला रहे होते। दोपहर के खाने में अक्सर सबके आधे पेट रह जाने पर ख़त्म हो जाने वाले चावल से नहीं, उन दोस्तों से नहीं जिन्हें खेल जमते ही घर जाना होता, अंक हमेशा मोरू के पास रहते। कभी न ख़त्म होने वाले अंक कि जब चाहे उनके साथ बाज़ीगरी करो, छाँटो, मिलाओ, बाँटो, एक पंक्ति में लगाओ, फेंको, एक साथ मिलाओ या अलग कर दो।"
मोरू एक पहेली

"मोरू को स्कूल जाना अच्छा लगता क्योंकि उसके कई दोस्त भी स्कूल जाते थे। सवेरे उठ कर बाहर जाना उसे अच्छा लगता था। स्कूल के अहाते के अन्दर खेल का मैदान उसे अच्छा लगता था। पर उसे कक्षा में जाना अच्छा नहीं लगता था।"
मोरू एक पहेली

"अँधेरा हो चला था और स्कूल में बिजली नहीं थी। “अब तुम्हें घर जाना चाहिये मोरू, पर कल फिर आ सकते हो?” शिक्षक ने पूछा, “पर क्या उस समय आओगे जब बच्चे यहाँ हों?” अगले दिन स्कूल शुरू होने के कुछ देर बाद मोरू आया। बच्चे उसे देख कर हैरान थे और कुछ डरे भी। अब तक मोरू का मौहल्ले के अकड़ू दादाओं में शुमार होने लगा था। “अब मेरी मदद करने वाला कोई है,” शिक्षक ने कहा।"
मोरू एक पहेली

"कोट्टवी राजा ने एक ही सांस में उसे पी लिया। ओह! पेट कितना भर गया! उठना नामुमकिन, हिलना नामुमकिन और लेट कर सो जाना तो बिलकुल ही नामुमकिन।"
कोट्टवी राजा और उनींदा देश

"कुछ दिनों बाद उस जंगल के राजा को पड़ोसी जंगल के राजा के साथ ज़रूरी काम पड़ा। उनकी बातचीत तुरंत होनी ज़रूरी थी। लेकिन राजा को फुर्सत नहीं मिल रही थी। और कामों में उलझे होने के कारण उसके लिये पड़ोसी राज्य जाना संभव नहीं था।"
कछुआ और खरगोश

""तुम दोनों में से किसी एक को पड़ोसी राज्य जाना पड़ेगा। मेरा संदेश उन्हें देकर उनका जवाब लेकर एक दिन के अन्दर वापस आना होगा।""
कछुआ और खरगोश

"उसके पड़ोसी ने कहा, "मुझे कुछ सामान खरीदने बाज़ार जाना है।""
कहानियों का शहर

"उन्होंने जाना कैसे कहानियाँ गढ़ें, कहानियाँ कैसे बुनें। कहानियों को मिलाकर कैसे नयी कहानियाँ बनायें और नीले आसमान में जैसे पतंग उड़ाते हैं, वैसे कल्पना की डोर पर कैसे कहानियाँ उड़ाएँ।"
कहानियों का शहर