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Revision #2 (2021-06-19 13:29)
ANURADHA JAIN
NOT_APPROVED
2021-06-19 16:52
Should be "स" --> /sə/ instead of "स" --> /s/ (because of the following "ू" vowel)?
Revision #1 (2021-06-18 13:10)
ANURADHA JAIN
NOT_APPROVED
2021-06-19 13:11
Should be "र" --> /ɾə/ instead of "र" --> /ɾ/?
NOT_APPROVED
2021-06-19 13:00
Should be "र" --> /ɾə/ instead of "र" --> /ɾ/?
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Storybook paragraphs containing word (9)

"आपका क्या ख्याल है? क्या सूरज को टोपी की ज़रूरत है?"
चाँद का तोहफ़ा

"अगले दिन जैसे सूरज निकला, धनी बिस्तर छोड़ कर गाँधी जी को ढूँढने निकला। वे गौशाला में गायों को देख रहे थे। फिर वह सब्ज़ी के बगीचे में मटर और बन्दगोभी देखते हुए बिन्दा से बात करने लगे। धनी और बिन्नी लगातार उनके पीछे-पीछे चल रहे थे।"
स्वतंत्रता की ओर

"क्यूंकी सूरज था आग का गोला।"
सूरज का दोस्त कौन ?

"दुःखी सूरज देखता ये नज़ारा"
सूरज का दोस्त कौन ?

"सुनकर सूरज उठा झूम, बोला"
सूरज का दोस्त कौन ?

"जंगल पर सूरज की कोमल"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर

"“अरे कल्लन कोहरा है तो क्या करें? तुझे सूरज कहाँ से दिखाएँ? अब्बू कब से खेत पर चले गये हैं और मोहल्ले के सब बच्चे कब के स्कूल चले गये,” शब्बो ने कड़क के कहा।"
कल्लू कहानीबाज़

"चाय की दुकान वाले धरमपाल ने उबलती केतली पर से आँख हटाई। उसने आश्‍चर्य से कहा “अरे, यह तो कल्लू है।” उसके चेहरे पर हँसी खेल गई और भवें उचकाते हुए उसने कहा, “क्या बात है? आज सूरज पश्‍चिम से निकला है क्या? इतनी सवेरे कहाँ चले?”"
कल्लू कहानीबाज़

"पेड़ों पर चढ़कर कच्चे आम तोड़ना 
मोरू को अच्छा लगता था। वह टहनियों 
पर रेंगते हुए ऐसी कल्पना करता मानो किसी घने जंगल में चीता हो। उसे कीड़े पकड़ना भी पसंद था। चमकदार पन्नी सी चमचमाते सर वाली हरी-नीली घोड़ा मक्खी, पतला और चरचरा सा टिड्डा, पीली तितली जिसका रंग पीले गुलाल सा उसकी उंगलियों पर उतर आता था। मोरू को पतंग उड़ाना भी अच्छा लगता था। जितनी ऊँची उड़ सके उतना अच्छा। सबसे ऊँची छतों पर चढ़ कर वह अपनी पतंग बादलों से कहीं ऊपर तक उड़ाता जैसे वह एक चमकता हुआ पक्षी हो जो सूरज तक पहुँचने की कोशिश कर रहा हो।"
मोरू एक पहेली