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Revision #1 (2022-01-19 08:53)
Nya Ξlimu
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Storybook paragraphs containing word (39)

"ज़रा ढूँढिये आज मैंने कौन सी टोपी पहनी है?"
चाँद का तोहफ़ा

"“वह रोशनी कैसी?” वह चकित हुआ। एक छोटी सी रोशनी उड़ती हुई उसके पास आई।"
सो जाओ टिंकु!

"“जब अँधेरा हो जाता है, मैं झीं... झीं... झनकार सी आवाज़ निकालता हूँ।”"
सो जाओ टिंकु!

"गर्मी के दिन थे, भीड़-भाड़ वाले एक चौराहे पर अर्जुन खड़ा इंतज़ार कर रहा था। शिरीष जी के पीछे अधेड़ उम्र की सुरमई बालों वाली, पुरानी सी साड़ी पहने एक औरत बैठी थी।"
उड़ने वाला ऑटो

"मैं बहुत सी ची़जों की तस्वीरें बनाता हूँ।"
मैं बहुत कुछ बना सकता हूँ!

"बादल गरजे और बिजली कड़की। पिशि ने सुध बुध खो दी। सागर बिलकुल काला पड़ गया। एक बड़ी सी लहर ने पिशि को जहाज़ के नीचे धकेल दिया। आह! उसके पेट पर घाव हो गया।"
पिशि फँसी तूफ़ान में

"बहुत सी मछलियों का एक समूह उसके आसपास तैरने लगा। जिन मछलियों को वह खाती थी, वे उसकी जान बचाने वाली नर्सें बन गयीं थीं। उन्होंने उसका घाव साफ़ कर दिया।"
पिशि फँसी तूफ़ान में

"दर असल पूरी के साथ यह होता है - गूँधे हुये आटे में ग्लूटेन होने की वजह से उसे बेला जा सकता है। जब इस आटे की एक छोटी सी लोई को बेला जाता है तो पूरी में ग्लूटेन की एक सतह बन जाती है।"
पूरी क्यों फूलती है?

""हाँ!" मुत्तज्जी ने चहकते हुए कहा, "बम्बई में उसी साल उनकी शुरुआत हुई थी। उनमे सफर करते हुए कोई गंदा नहीं होता था। कपड़ों ओर चेहरे पर ज़रा सी भी कालिख, या मिट्टी, या गंदगी, कुछ भी नहीं लगती थी!""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

""हाँ, के आर एस।" मुत्तज्जी ने बड़े प्यार से अज्जी को देखा और कहा, "तुम्हारी अज्जी मेरी पाँचवी संतान थी, सबसे छोटी, लेकिन सबसे ज़्यादा समझदार। तुम जानते हो बच्चों, मेरे बच्चे ख़ास समय के अंतर पर हुए। हर दूसरे मानसून के बाद एक, और जिस दिन तुम्हारी अज्जी को पैदा होना था, उस दिन तुम्हारे मुत्तज्जा का कहीं अता-पता ही नहीं था। बाद मेँ उन्होंने बताया कि वो उस दिन ग्वालिया टैंक मैदान में गांधीजी का भाषण सुनने चले गए थे। और उस दिन उन्हें ऐसा जोश आ गया था कि वह सारे दिन बस "भारत छोड़ो” के नारे लगाते रहे। बुद्धू कहीं के... नन्हीं सी बच्ची को दिन भर परेशान करते रहे।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

"अज्जा सोचने लगे, "1911... यह तारीख़ इतनी जानी-पहचानी सी क्यो लग रही है? आह! हाँ, उसी साल तो बम्बई में गेटवे ऑफ़ इंडिया बनाया गया था। और वह तो भारत पर राज करने वाले ब्रिटिश राजा, जॉर्ज (पंचम) के स्वागत में बनवाया गया था। और तब एक नहीं, बल्कि कई बड़ी-बड़ी दावत हुई होंगी!" अज्जा ने ख़ुश होते हुए कहा।"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

"नारियल के पेड़ की पत्तियां कितनी सुडौल थीं, ऐसा लग रहा था कि हवा में नाच रही हों। नीले-नीले आसमान में लाल गुलमोहर के फूल कितने निराले लग रहे थे। सुंदर सी खुरदुरी छाल वाला आम का पेड़ कितना अच्छा लग रहा था।"
आओ, बीज बटोरें!

"“अरे नहीं, अब हम यह कैसे पता लगाएंगे कि खराब गले वाली कोयल कौन सी है?” ज़ेबा ने मुँह लटकाकर पूछा।"
कोयल का गला हुआ खराब

"उन्होंने छोटी सी मशीन परवेज़ की कमीज़ की जेब से निकालकर उसके कान में लगा दी।"
कोयल का गला हुआ खराब

"तभी उसके कानों में कहीं से हलकी सी कोयल की आवाज़ सुनाई दी।"
कोयल का गला हुआ खराब

"“ठहरो!” सारे शोर-शराबे को चीर कर मुनिया की पतली सी आवाज़ आयी। भीड़ और उस महाकाय के बीच से लँगड़ाती हुई वह आगे बढ़ी। “मुनिया! तुरन्त वापस आ जाओ!” मुनिया के बाबूजी का आदेश था। “उसे पकड़ो तो!” मुनिया के बाबूजी और एक ग्रामीण उसकी ओर दौड़ पड़े। महाकाय को दो कदम आगे बढ़ता देख वे लोग रुक गये। “कोई बात नहीं... अगर तुम लोग यही चाहते हो तो हम लोग तुम दोनों से इकट्ठे ही निपटेंगे!” अपने हाथ में भाला उठाये वह हट्टा-कट्टा आदमी चीखा।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"जवाब में वह कहता है, “गुर्रर्रर्र...,” और मुड़कर अपनी छोटी सी पूँछ दिखाता है। इसका मतलब उसके पास पूँछ है और मेरे पास नहीं!"
टिमी और पेपे

"जवाब में वह कहता है, “गुर्रर्रर्र...,” और मुड़कर अपनी छोटी सी पूँछ दिखाता है। इसका मतलब उसके पास पूँछ है और मेरे पास नहीं!"
टिमी और पेपे

""मगर कुछ और बेकार सी गंध भी है चाचा," सोना ने नाक सिकोड़ी।"
सोना की नाक बड़ी तेज

"छोटी-छोटी सी बात के ख़ातिर"
सबरंग

"मधुर सी बजें मिलकर ये सात तार,"
संगीत की दुनिया

"वे कौन सी चीज़ें हवा में उछालते हैं?"
निराली दादी

"दादीजी का बैग बड़ा है।
 शायद उसमें खाने की बहुत सी अच्छी अच्छी चीज़ें हैं।"
चाचा की शादी

"सुखिया काका और दीनू ने नन्ही सी छतरी तानी।"
बारिश में क्या गाएँ ?

"अनु को अपने पापा की बहुत सी चीज़ें अच्छी लगती हैं। उनकी लटकने वाली चमचम चमकतीं लालटेनें, उनके तले प्याज़ के करारे-करारे पकौड़े, काग़ज़ से जो प्यारे-प्यारे कछुए वे बनाते हैं, अनु को सब अच्छे लगते हैं। यही नहीं, सीढ़ियाँ भी वे उचक-उचक कर चढ़ते हैं। और फिर मामा से उनकी वे कुश्तियाँ, जो वे मज़े लेने के लिए आपस में लड़ते हैं। मेहमानों के आने पर, वे हमेशा उन्हें हँसाते रहते हैं!"
पापा की मूँछें

"लेकिन क्या आप जानते हैं कि अनु को अपने पापा की कौन सी चीज़ सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है?"
पापा की मूँछें

"साहिल के पापा की मूँछ पेंसिल की लकीर सी पतली हैं। अनु सोचती है कि वे अपनी मूँछें भला इतनी पतली कैसे बनाते होंगे।"
पापा की मूँछें

"लेकिन यह क्या, चला क्यों नहीं जा रहा है, शरीर इतना भारी क्यों लग रहा है? चुलबुल थोड़ी सी परेशान हो गई।बड़ी मुश्किल से दरवाज़े के बाहर निकली।"
चुलबुल की पूँछ

"यह छोटी ज़रूर है लेकिन यहाँ बहुत सी किताबें हैं।"
चलो किताबें खरीदने

"क्या हम पतली सी किताब खरीदें?"
चलो किताबें खरीदने

"आखिर में, हम जान गये कि कौन सी किताबें खरीदनी हैं।"
चलो किताबें खरीदने

"दुकानदार हमें देखकर मुस्कराया। मैंने एक मोटी किताब खरीदी जिसमें बहुत सी कहानियाँ थीं।"
चलो किताबें खरीदने

"मेरे भाई ने एक बड़ी किताब खरीदी जिसमें बहुत सी तसवीरें थीं।"
चलो किताबें खरीदने

""यह देखिए दादी माँ, आपकी सुई मिल गई, और साथ ही और बहुत सी खोई हुई चीज़ें भी!""
गुल्ली का गज़ब पिटारा

"स्कूल की घंटी बजी। चीनू पिता जी के पास दौड़ कर पहुँचा। चेहरे पर बड़ी सी 
मुस्कान खेल रही थी। स्कूल में वह अकेला बच्चा था जिसके पिता जी उसे लेने आते थे।"
कबाड़ी वाला

"फूलों पर फूलों सी तितली"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला

"“अच्छा, अब अपनी आँखें बंद करो और चादर का एक कोना थाम लो। दूसरा कोना मैं पकड़ लेता हूँ। अब एक लंबी साँस लो और खूब अच्छी तरह सोचो कि ऐसी कौन सी चीज़ है जो तुम्हें सबसे ज़्यादा चाहिए,” मुन्नु बोला।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"मैडम ने कहा था कि मुझे तुम्हारी मदद करनी है और तुम्हें यह दिखाना है कि स्कूल में कौन सी जगह कहाँ है, क्योंकि तुम स्कूल में नई आई हो। लेकिन उन्होंने मुझे इस बारे में और कुछ नहीं बताया था।"
थोड़ी सी मदद

"तुम्हारी बात सुनने के बाद, मैंने एक हाथ से बहुत सी चीजें करने की कोशिश की। लेकिन यह बहुत ही मुश्किल है! मुझे अभी तक यह समझ नहीं आया कि तुम नहाना, कपड़े पहनना, बैग संभालना जैसे काम ख़ुद ही कैसे कर लेती हो। उस दिन खाने की छुट्टी के बाद की बातचीत के बाद से मैंने महसूस किया कि तुम भले ही कुछ कामों को थोड़ा अलग ढँग से करती हो, लेकिन तुम भी वह सारे काम कर लेती हो जो बाकी सब लोग करते हैं।"
थोड़ी सी मदद