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Storybook paragraphs containing word (217)
"टीना मुझे हमेशा आईने में ही दिखती है ऐसे नहीं दिखती|"
मैं और मेरी दोस्त टीना|
"टीना मेरी सबसे अच्छी दोस्त है | मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ और हरदम साथ रहूँगी|"
मैं और मेरी दोस्त टीना|
"कितना अंधेरा है! कौन है वहां पर !"
मैं नहीं डरती !
"मुझे बाहर कुछ काली बड़ी चीज दिख रही है ! वह क्या है ?"
मैं नहीं डरती !
"देखो देखो कितनी ख़ुश है पिंकी , लेकर पीला छाता !"
रिमझिम बरसे बादल
"टिंकु और उसके दोस्त हँसे और उछले-कूदे। वे इधर से उधर लुढ़के, जब तक कि टिंकु को उबासी आने लगी। हा! वह बहुत थक गया था। “मुझे नींद आ रही है अब घर जाना है,” टिंकु बोला।"
सो जाओ टिंकु!
"आगे बढ़ते ही अर्जुन को अचानक महसूस हुआ कि उसके पहिये पर दबाव कम होने लगा है, उसके सामने की भीड़ छँटने लगी है और वह बहुत आराम से आगे बढ़ गया है, “जाने दो अर्जुन भाई,” उसके चाचा ने कहा।"
उड़ने वाला ऑटो
"वे तो मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे। यही तो है मेरे जीवन का असली जादू!”"
उड़ने वाला ऑटो
"“क्या फ़ायदा इसका?,” वह सोचने लगे। जीवन में ऐसा कुछ बहुत पहले कभी उन्होंने चाहा था। लेकिन अब वह जान गए थे कि जो सच है वह सच ही रहेगा। शिरीष जी को अब अपना ही चेहरा चाहिए था।"
उड़ने वाला ऑटो
"मेरी बहन सब गड़बड़ कर देती है ।"
मैं बहुत कुछ बना सकता हूँ!
"प्रिय पाठक, क्या आपको मालूम है कि प्राचीन काल के संस्कृत साहित्य में हिन्द महासागर को ‘रत्नाकर’ कहा जाता था? रत्नाकर यानि हीरे जवाहरात की खान। मैंटा रे मछलियाँ अक्सर सफ़ाई के ठिकानों पर जाया करती हैं। सफ़ाई के ठिकानों को कुदरत का अस्पताल कहा जा सकता है। यहीं एंजेल फ़िश जैसी छोटी मछलियाँ मैंटा रे के गलफड़ों के अन्दर और खाल के ऊपर तैरती हैं। वे क्लीनर फ़िश कहलाती हैं क्योंकि वे मैंटा रे के ऊपर मौजूद परजीवियों व मृत खाल को खा कर उसकी सफ़ाई करती हैं। मैंटा रे मछलियाँ विशाल होने के बावजूद बहुत कोमल स्वभाव की होती हैं। बड़ी शार्क, व्हेल मछलियाँ व मनुष्य उनका शिकार करते हैं।"
पिशि फँसी तूफ़ान में
"...घर वह तब बनता है जब उसमें परिवार रहता है।"
सबसे अच्छा घर
"इग्लू: क्या आप सोच सकते हैं कि बर्फ़ की बड़ी-बड़ी ईंटों से बने इग्लू बाहर बर्फ़ जमी होने पर भी अंदर से गर्म रहते हैं? जब बाहर का तापमान -40 डिग्री सेंटिग्रेड होता है तो लोग इग्लू के अंदर आराम से रहते हैं। इन्हें आप कनाडा के ध्रुवीय इलाकों और ग्रीनलैंड के थूले द्वीप में देख सकते हैं।"
सबसे अच्छा घर
"हमने देखा है कि गुब्बारे के अंदर मुँह से हवा भरने के बाद वह फूल जाता है। पिताजी अपनी साइकिल के टायर में पंप से हवा भरते है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"लेकिन माँ अपनी पूरी को फूलाने के लिये ऐसे किसी भी तरीके का इस्तेमाल नहीं करती है – कमाल की बात है!"
पूरी क्यों फूलती है?
"इसकी वजह यह है कि इस आटे में कुछ है जिसे बहुत प्यास लगी है! आप को जब प्यास लगती है तो आप क्या करते हैं? आप पानी पीते हैं।"
पूरी क्यों फूलती है?
"आटे में जैसे ही पानी डाला जाता है, यह अणु उसे पी लेते हैं। वे पानी पीने के बाद बड़े और मोटे हो जाते हैं। वे फैल जाते हैं। ज़ाहिर है कि उनके पास आराम से बैठने के लिये जगह नहीं होती है – इसलिए वह एक दूसरे को छूते हैं और धक्कामुक्की करते हैं। वे एक दूसरे से चिपक जाते हैं।"
पूरी क्यों फूलती है?
"अम्मा ने आटे को गूँध लिया है। वह अब अपनी हथेली में थोड़ा सा तेल लगा कर उसे अच्छी तरह गूँधने के लिये कह रही है। आटे को अच्छी तरह गूँधने के लिये मजबूत हाथ चाहिए। उनका कहना है कि अगर आटे को अच्छी तरह गूँधा नहीं जाता है तो पूरी नहीं फूलती है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"दर असल पूरी के साथ यह होता है - गूँधे हुये आटे में ग्लूटेन होने की वजह से उसे बेला जा सकता है। जब इस आटे की एक छोटी सी लोई को बेला जाता है तो पूरी में ग्लूटेन की एक सतह बन जाती है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"याद है न कि आटे को गूँधने के लिये इस में पानी मिलाया गया था? ज़्यादा तापक्रम की वजह से पूरी के अंदर का पानी भाप बन कर उड़ जाता है। यह भाप बहुत ताकतवर होती है और इससे ग्लूटेन की सतह ऊपर चली जाती है। इसी वजह से पूरी फूलती है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"बाबा अब पूरी को पलट देते हैं ताकि वह दूसरी तरफ़ से भी सुनहरी हो जाये। उन्होंने कढ़ाई से पूरी निकाल ली है और उसे एक बर्तन में रख दिया है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"पूरी बहुत पतली बेली गई है, और उसमें सही मात्रा में पानी नहीं डाला गया है जिससे भाप और प्रेशर बन सके और पूरी फूल सके।"
पूरी क्यों फूलती है?
"इसके अलावा अगर पूरियों को कम तापक्रम पर तला जाता है तो उनमें भाप बहुत धीरे-धीरे बनती है, प्रेशर ठीक से नहीं बनता और फिर पूरी फूल नहीं पाती।"
पूरी क्यों फूलती है?
"पानी की मदद से आटा गूँध लेते है। आटे को गूँधते समय बस इतना ही पानी डाले कि आटा न बहुत कड़ा हो और ना ही बहुत मुलायम। हथेली के निचले हिस्से की मदद से कुछ मिनट तक इसे थोड़ा और गूँधते है। चाहें तो, थोड़ा सा तेल भी इस्तेमाल कर सकते है जिससे गुँधा आटा आपके हाथ में चिपके नहीं। गुँधे आटे को करीब 10 मिनट तक ढ़क कर रख देते है। अब इस गुँधे आटे को, कुछ मिनट के लिए दोबारा गूँधते है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"अब फिर इसे एक बड़े बर्तन में रख देते है अब बर्तन के अंदर रखे गूँधे आटे पर इतना पानी डालते है जिससे वो उसमे डूब जाए। पानी के अंदर डूबे आटे को गूँधते रहते है जब तक पानी का रंग सफ़ेद नहीं हो जाता। इस पानी को फैक कर बर्तन में थोड़ा और ताजा पानी लेते है इसे तब तक करते रहे जब तक गुँधे आटे को और गूंधने से पानी सफ़ेद नहीं होता। इसका मतलब यह है कि आटे का सारा स्टार्च खत्म हो गया है और उसमें बस ग्लूटेन ही बचा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्टार्च पानी में घुल जाता है लेकिन ग्लूटेन नहीं घुलता। अब इस बचे हुए आटे यानि ग्लूटेन से थोड़ा सा आटा लेते है इसे हम एक रबड़बैंड कि तरह खीच सकते है। अगर इसे खीच कर छोड़ते है तो यह वापस पहले जैसा हो जाता है। इससे इसके लचीलेपन का पता चलता है आप इसे चोड़ाई में फैला सकते है इससे पता चलता है कि इसमें कितनी प्लाटीसिटी है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"पूरी से जुड़ा इतिहास वैज्ञानिको का मानना है कि सबसे पहले करीब 11,000 साल पहले मिडिललिस्ट देशो में जंगली गेहूं के होने का पता चला था।"
पूरी क्यों फूलती है?
"सीरिया मे दमसकस के पास की गई खुदाई से पता चलता है कि गेहूँ का इतिहास करीब 9000 साल पुराना है इसी जगह पर, गेहूं को बोने और उसकी फसल को काटने और साथ ही उसे पीसने के लिए जरूरी औज़ार भी मिले है।"
पूरी क्यों फूलती है?
"काफी मज़ेदार लगता है ना? मधुमक्खियाँ भी सच में कमाल की हैं, हैं ना?"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"1. मधुमक्खी बहुत मेहनती होती है – सर्दी के मौसम में यह नो महीने तक ज़िंदा रह सकती है और गर्मियों में सिर्फ दो महीने तक! लगातार काम करने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता!"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"2. मधुमक्खियों से जुड़ी एक मजेदार बात आपको बताते है, नन्ही मधुमक्खी के दिमाग की तरह काम करते समय इनका दिमाग बूढ़ा नहीं होता, वो बस किसी नन्ही मधुमक्खी के दिमाग की तरह काम करने लगता है अब आप भी चाहते है न एक मधुमक्खी बनना !"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"3. इन्सानो की तरह मधुमक्खियाँ भी चेहरे पहचानती है! चेहरे के हर हिस्से को वो पहले ध्यान से देखती है फिर उसे जोड़ कर चेहरा याद कर लेती है! तो याद रखे कि किसी भी मधुमक्खी को कभी छेड़े नहीं!"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"4. केफीन – नाम के केमिकल को इस्तेमाल करते हुये पोंधे हानिकारक कीड़े मकोड़ों को दूर रखते है और इसी की मदद से यह जान जाती है कि कोई फूल कहाँ पर है और इसी तरह से वो बार बार वहाँ पहुचती है!"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"1. मधुमक्खी नाच कर, छत्ते में रहने वाली बाकी मधुमक्खीयों को यह बताती है कि शहद कहाँ मिलेगा तो आप भी कोशिश कीजिये नाच कर कुछ बताने की और देखिये कि क्या आपके दोस्त आपकी बातों को समझ पाते है या नहीं!"
मधुमक्खियाँ क्यों भन-भन करती हैं?
"इंजिन बहुत ही मज़बूत यंत्र है जो हवाई जहाज़ के दिमाग की तरह (तेज़) काम करती है। जिस तरह पक्षी अपना दिमाग लगाते हैं और सीखते हैं कि कैसे उड़ा जाय,वैसे ही इंजिन विमान को ज़मीन से ऊपर की ओर धकेलती है और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"जब विमान की इंजिन ईंधन को जलाती है तो वे बहुत ही तेज़ गति से गर्म गैसें छोड़ती हैं, जिससे इंजिन के पीछे हवा का दबाव बनता है और उससे विमान आगे बढ़ता है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"कार एवं अन्य वाहन भी इंजिन की सहायता से ही चलते हैं, मगर वे विमान की तरह आसमान में उड़ नहीं सकते। हवा विमान के उन पंखों के ऊपर और अंदर बहती है जो पक्षी के पंख जैसे होते है, इन्हीं के दबाव से विमान ऊपर उठते हैं और टिके रहते हैं। विमान की भी पूँछ होती हैं - बिलकुल चिड़िया की तरह, जो उन्हें हवा में टिकने और दिशा बदलने में मदद करती है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"विमान जानते हैं कि उन्हें कहाँ जाना है, क्योंकि विमानचालक उन्हें चलाते हैं। ये चालक विमान के अंदर, सामने की एक जगह, जिसे चालक स्थल (कॉकपिट) कहते हैं, से उन्हें नियंत्रित (कंट्रोल) करते हैं। वे बहुत ही सटीक और आधुनिक डिवाइसों के द्वारा हवाई अड्डों (एक जगह जहाँ हवाई जहाज़ उड़ान भरते और उतरते हैं) के संपर्क में रहते हैं। जिस तरह हमारी मदद के लिए सड़क पर सिग्नल और पुलिस होती है, वैसे ही वायु यातायात नियंत्रक (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) होते हैं जो विमान चालक को बताते हैं कि कब और किस ओर उड़ान भरनी है और कब उड़ान भरना या उतरना सुरक्षित रहेगा।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"विमान वास्तव में एक विशाल पक्षी है! न सिर्फ़ इसका आकार पक्षी की तरह है, बल्कि ये उड़ते भी हैं, हालाँकि पक्षियों की तरह नहीं। सरला बड़ी होकर विमान चालक बनना चाहती है और हवाई जहाज़ उड़ाना चाहती है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"1. दोस्तों के साथ इन खेलों के मज़े लें काग़ज़ के हवाई जहाज़ बनाओ और देखो कि किसका जहाज़ सबसे दूर जाता है। ज़रा सोचो, क्यों? क्या यह कमाल काग़ज़ का है या उसके बनाने के तरीक़े का? ग़ौर करो, क्या होता है जब कोई जहाज़ छोड़ा जाता है? जब तुम जहाज़ को छोड़ने के पहले उसके ऊपर फूँक मारते हो या उसके अंदर या कि उसके नीचे, तब क्या वहाँ कोई अंतर दिखता है?"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
""ओह! दावत! फिर तो वहाँ बहुत सारे केक रहे होंगे!" पुट्टी बोली। "वह कौन से राजा थे, मुत्तज्जी? अगर आप को यह पता हो तो हम जान सकते है कि वह यहाँ कब आए थे। फिर उसमे 5 जोड़ देने से पता चल जाएगा कि आप कब पैदा हुईं थीं।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"दोनों ने हैरानी से उन्हें देखा। भला रेलगाड़ी में सफर करके कोई गंदा होता है क्या?"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""भारत छोड़ो!" पुट्टी की आँखें हैरानी से और फैल गयीं। "हमने इतिहास में पढ़ा है! पुट्टा, ये वह आंदोलन है जो 1942 में शुरू हुआ था, इसका मतलब है कि 1942 में ही...""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""शायद इससे तुम्हें कुछ मदद मिले, बच्चों," अज्जी बोलीं। वह सब के लिए मुत्तज्जी की मनपसंद सेवईं की खीर से भरी कटोरियाँ लेकर आईं थीं। "के आर एस का मतलब है कृष्ण राजा सागर बांध, और उसके पास में ही हैं वृन्दावन गार्डन्स। याद है न, हम पिछले साल वहाँ संगीत की धुन के साथ चलने वाले फव्वारे देखने गए थे?""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""मुत्तज्जी को लगता है की वह 16 साल की थीं जब उनकी शादी हुई थी," पुट्टी ने कहा,"लेकिन वह 15 या 17 या 18 साल की भी हो सकती थीं।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"उसने झटपट भारतीय रेलवे पर एक किताब निकाली और उसमें दिखाते हुए कहा, "देखो, इसमें लिखा है कि भारत में सबसे पहले इलेक्ट्रिक ट्रेन आई थी, 1925 में बंबई में।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""और मुत्तज्जी का कहना है कि वह तब करीब 9 साल की थीं। अगर वह ठीक कह रही हैं, तो मुत्तज्जी 1916* मे पैदा हुई थीं!""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""इसका मतलब यह है मुत्तज्जी कि आप 1916 मे पैदा हुई थीं। आप 100 साल की हैं!""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
""तुम दोनों तो बहुत बड़े जासूस हो गए हो!" अम्मा मुस्कायीं। "और मुझे लगता है तुम दोनों और मुत्तज्जी की ख़ास दावत होनी चाहिए - यानि एक बड़ा सा केक, गुलाबी आइसिंग और जिसके ऊपर लगा हो एक गुलाब!""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"याद है इस कहानी में मूताजी ने कितनी सारी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओ के बारे में बताया था? यह सारी घटनाए असल में हुईं थीं। तो चलो इनके बारे में थोड़ा और जानते हैं!"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"गांधीजी का भाषण (1 942 ) - 8 अगस्त 1942 के दिन, बंबई के ग्वालिया टँक मैदान में गांधीजी ने 'भारत छोड़ो भाषण' दिया था। गांधीजी ने लोगों से कहा कि उन्हे अंग्रेज़ी शासन के ख़िलाफ लड़ना होगा। इसके लिए उन्हे हिंसा नहीं, बल्कि उनके साथ असहयोग करना होगा। इसके 5 साल बाद, 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ो का शासन खत्म हुआ और भारत आज़ाद हुआ। आज उसी शांत क्रांति की स्मृति में ग्वालिया टैंक मैदान को अगस्त क्रांति मैदान कहा जाता है !"
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"उस दिन सुबह, धनी बिन्नी को हरी घास खिला कर, उसके बर्तन में पानी डालते हुए बोला, “कोई बात ज़रूर है बिन्नी! वे सब गाँधी जी के कमरे में बैठकर बातें करते हैं। कोई योजना बनाई जा रही है। मैं सब समझता हूँ।“"
स्वतंत्रता की ओर
"”नमक?“ धनी चौंक कर उठ बैठा, ”नमक क्यों बनायेंगे? वह तो किसी भी दुकान से खरीदा जा सकता है।“
”हाँ, मुझे मालूम है।“ बिन्दा हँसा, ”पर महात्मा जी की एक योजना है। यह तो तुम्हें पता ही है कि वह किसी बात के विरोध में ही यात्रा करते हैं या जुलूस निकालते हैं, है न?“"
स्वतंत्रता की ओर
"”बिल्कुल बेवकूफ़ी नहीं है धनी! क्या तुम्हें पता है कि हमें नमक पर कर देना पड़ता है?“"
स्वतंत्रता की ओर
"”नमक की ज़रूरत सभी को है...इसका मतलब है कि हर भारतवासी, गरीब से गरीब भी, यह कर देता है,“ बिन्दा चाचा ने आगे समझाया।"
स्वतंत्रता की ओर
"”हाँ, यह नाइंसाफ़ी है। यही नहीं, भारतीय लोगों को नमक बनाने की मनाही है। महात्मा जी ने ब्रिटिश सरकार को कर हटाने को कहा पर उन्होंने यह बात ठुकरा दी। इसलिये उन्होंने निश्चय किया है कि वे दाँडी चल कर जायेंगे और समुद्र के पानी से नमक बनायेंगे।“"
स्वतंत्रता की ओर
"”हाँ, वो तो हैं ही!“ बिन्दा की आँखों के आस-पास हँसी की लकीरें खिंच गईं, ”उन्होंने वायसरॉय को चिट्ठी भी लिखी है कि वे ऐसा करने जा रहे हैं! ब्रिटिश सरकार को तो पता ही नहीं कि उसकी क्या गत बनने वाली है!“"
स्वतंत्रता की ओर
"आज टूथपेस्ट मशीन से भरी जाती है। सभी ढक्कन लगे खाली ट्यूब नीचे सिरे से क़तार में कन्वेयर बेल्ट से लगे आगे बढ़ते हैं जिनका दूसरा सिरा ऊपर की तरफ़ खुला होता है। एक बड़े बर्तन में टूथपेस्ट भरा होता है जो कन्वेयर बेल्ट के साथ लगा होता है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"बर्तन के निचले हिस्से में लगे नल से घूमते कन्वेयर बेल्ट के साथ हरएक खाली ट्यूब भरता जाता है। लेकिन पेस्ट उनके सिरे तक नहीं भरा जाता, इन्हें आधा इंच खाली रखा जाता है ताकि अच्छी तरह बंद किया जा सके। अब ट्यूब दबाकर निकालने के लिए तैयार है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"वह इस गीत को बार-बार दोहराती रहती है, जिसे सुनकर टूका को बहुत हँसी आती है और इंजी भी ख़ुश होकर भौंकता है।"
आओ, बीज बटोरें!
"“हां! और हर बीज में अंदर एक नन्हा पौधा होता है जो बाहर आने का इंतजार करता रहता है और दुनिया देखना चाहता है,“ पच्चा ने कहा।"
आओ, बीज बटोरें!
"कठोर भूरे रंग के नारियल का हर हिस्सा हमारे लिए उपयोगी होता है। उसके बाहर वाले बालों के हिस्से से रस्सी बनाई जाती है, वहीं अंदर का नरम सफेद हिस्सा कई प्रकार के भोजन में इस्तेमाल किया जाता है और नारियल पानी मज़ेदार पेय होता है, विशेषरूप से उस समय, जब बाहर बहुत गर्मी होती है। क्या आपको मालूम है कि आप अपने बालों में जो तेल लगाते हैं, वो कहां से आता है? वह तेल भी नारियल से ही निकाला जाता है।"
आओ, बीज बटोरें!
"चावल सामान्य नाम: राइस या चावल। वैज्ञानिक मुझे कहते हैं: ऑरिज़ा सटाईवा। चावल, सबसे लोकप्रिय अनाजों में से एक है। जहां तक मुझे मालूम है, भारतीय घरों में अन्य अनाजों की तुलना में चावल सबसे ज़्यादा खाया जाता है। जब चावल पौधे पर लगा होता है तो उसके दानों पर जैकेट की तरह एक खुरदुरा, भूरे रंग का छिलका होता है जिसके कारण इसके दाने अंदर सुरक्षित और साबुत बने रहते हैं।"
आओ, बीज बटोरें!
"सामान्य नाम: चॉकलेट। वैज्ञानिक मुझे कहते हैं: थियोब्रोमा ककाओ (जिसका अर्थ होता है - देवताओं का भोजन) इसमें कोई संदेह नहीं है कि चावल सबसे लोकप्रिय अनाज है लेकिन ककाओ भी लोगों की खास पसंद है – खासकर टूका और पोई की। चॉकलेट ककाओ के बीजों से बनती है। हर ककाओ फल में 30-50 बीज होते हैं जिन्हें भूना जाता है और फिर पीसकर, चीनी व दूध में मिलाकर स्वादिष्ट चॉकलेट बार बनाया जाता है।"
आओ, बीज बटोरें!
"बनारस वाली शुभा मौसी ने मुझे कुछ सुंदर गीत सिखाए हैं। इन गीतों को कजरी कहते हैं। क्या आपको मालूम है कि सम्राट अकबर के दरबार में एक प्रसिद्ध गायक थे मियाँ तानसेन? कहा जाता है कि वो “मियाँ की मल्हार” नाम का एक राग गाते थे तो वर्षा आ जाती थी। मैं भी संगीत सीखूँगी-शास्त्रीय संगीत।"
गरजे बादल नाचे मोर
"मनु ने बड़े वाले पेड़ से एक झूला बाँधा है और मैं अभी झूलना चाहती हूँ। झूलते हुए बारिश की ठंडी फुहार मेरे मुँह पर पड़ेगी।"
गरजे बादल नाचे मोर
"माँ हमें पीने को गर्म दूध देती हैं। कल उन्होंने मसालेदार मुरमुरे बनाए थे। और माँ ने कहा है कि कल वे पूड़ियाँ बनाने वाली हैं!"
गरजे बादल नाचे मोर
"बहुत लंबा है वो, इतना कि आकाश को छूता है।”"
तारा की गगनचुंबी यात्रा
"“यही कारण है कि मुझे घर आने में देर हुई, माँ!”"
तारा की गगनचुंबी यात्रा
"हम सब अपने-अपने घर, एक विशाल से घर के अंदर बनाते हैं। वह घर है हमारी पृथ्वी!"
जीव-जन्तुओं के घर
"हमारा सबसे अच्छा मित्र है पक्षी!"
हमारे मित्र कौन है?
"एक दिन, बंटी उठता है और देखता है कि उसका कोई भी पक्षी नहीं गा रहा है।"
बंटी और उसके गाते हुए पक्षी
""मेरा भी है अब एक दोस्त, अब मैं नही अकेला,"
सूरज का दोस्त कौन ?
"क्योंकि आज का दिन है बहुत ही ख़ास।"
राजू की पहली हवाई-यात्रा
""वह महिला अफ़सर सुरक्षा जाँच टीम की सदस्य है। उन्हें इस बात का ध्यान रखना होता है कि कोई भी यात्री अपने सामान में विस्फोटक या चाक़ू जैसी ख़तरनाक चीज़ें न ले जा पाए। हमें उनके काम में बाधा नहीं डालनी चाहिए।""
राजू की पहली हवाई-यात्रा
""पायलॅट का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है ना अम्मा?""
राजू की पहली हवाई-यात्रा
"में घूमी है। पर तुम अभी सिर्फ नौ वर्ष के हो। बहुत समय है तुम्हारे पास, राजू।""
राजू की पहली हवाई-यात्रा
"तभी राजू ने देखा कि लोग गेट नंबर 8 के पास एक कतार में खड़े हो रहे हैं। "वह हमारा गेट है अम्मा। जहाज़ पर चढ़ने का समय हो गया।""
राजू की पहली हवाई-यात्रा
"सचमुच मज़ेदार है ना!"
कितनी मज़ेदार है बांग्ला संख्याएं
"सूरज मेरे जैसा दहकता है। अगर धूप होती है तो आधा अम्ब्रेला भी मेरे जैसा दहकता है।"
ग़ोलू एक ग़ोल कि कहानी
"और फिर भी एक जगह है जहां मुझे स्वागत नहीं है।"
ग़ोलू एक ग़ोल कि कहानी
"जब ऐसा होता है तो मुझे भी दुखी लगता है आपको इसे बदलने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी!"
ग़ोलू एक ग़ोल कि कहानी
"“बेटे, मुझे लगता है बारिश जल्दी होगी शायद आज दोपहर तक हो जाये।” माँ बोलीं।"
लाल बरसाती
"“माँ, आज ज़रूर बारिश होगी, है ना!” मनु ज़ोर से बोला।"
लाल बरसाती
"मिस मीरा अपने कामों में व्यस्त हैं, इसलिए उन्होंने बच्चों को उनका मनपसंद काम सौंपा है, और वो है अपने आप खेलना। स्टेल्ला और परवेज़ को बोर्ड पर चित्र बनाने में बड़ा मज़ा आ रहा है।"
कोयल का गला हुआ खराब
"“हाँ, मगर लगता है उसका गला खराब है! मैंने न, पहले कभी भी खराब गले वाली कोयल नहीं देखी। चलो, चलकर ढूँढते हैं उसे!” स्टेल्ला ने सुझाया।"
कोयल का गला हुआ खराब
"अब तो सबको देखनी है गले में खिचखिच वाली चिड़िया।"
कोयल का गला हुआ खराब
"“परवेज़, तुमने आज सुनने की मशीन नहीं लगायी है! तुम जानते हो ठीक से सुनने के लिए तुम्हें उसकी ज़रूरत पड़ती है न,”"
कोयल का गला हुआ खराब
"- परवेज़ जब सिर्फ पांच महीने का था तब उसके माता-पिता ने देखा कि वो ज़ोर की आवाजें बिलकुल भी नहीं सुन पाता था। वे उसे डॉक्टर के पास ले गए जिन्होंने बताया कि परवेज़ ने सुनने की शक्ति खो दी है। डॉक्टर ने समझाया कि परवेज़ की मदद कैसे की जा सकती है ताकि वो हर वो चीज़ सीख सके जो आम बच्चा सुन सकता है।"
कोयल का गला हुआ खराब
"- जो लोग पूरी तरह से बधिर होते है, वो कुछ भी नहीं सुन सकते। परवेज़ आँशिक रूप से नहीं सुन सकता है। इसलिए उसे शीला मिस जैसी एक विशेष शिक्षक की ज़रूरत है जो उसे संकेत की भाषा, होंठों को पढ़ने और संवाद करने के अन्य तरीके सीखने में मदद कर सके।"
कोयल का गला हुआ खराब
"- कुछ बच्चे चश्मा लगाते हैं ताकि वे अच्छी तरह से देख सकें, ठीक वैसे ही परवेज़ सुनने की मशीन लगाता है ताकि उसे सुनने में आसानी हो। उसे अपनी मशीन को लेकर थोड़ा सचेत रहने की ज़रूरत है।"
कोयल का गला हुआ खराब
"घूम-घूम ने पूछा "डाॅल्फ़िन दीदी, क्या आपको पता है मेरा परिवार कहाँ है?""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र
"डाॅल्फ़िन बोली, "नहीं, लेकिन मुझे यह मालूम है कि सबसे मज़ेदार मछलियाँ कहाँ मिल सकती हैं। क्या तुम खाना चाहोगी?""
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र
"घूम-घूम गंगा नदी में अपने बड़े से घड़ियाल परिवार के साथ रहती है जो दिन भर पानी में छपाके मार-मार कर शोर मचाता रहता है। वह रोज़ खाने के लिए मछलियों और कीड़े-मकोड़ों की तलाश में निकल जाती है। रोज़ ही घूम-घूम की मुलाकात तरह-तरह के जीवों से होती है। घोंघे, ऊदबिलाव, डॉल्फ़िन, मछुआरे, माँझी, बगुले, सारस, भैंस, साँप और कई दूसरे जीव उसे मिलते हैं।"
घूम-घूम घड़ियाल का अनोखा सफ़र
"वह दौड़ता है, छलाँगें मारता है, चक्कर काटता है और कलामुंडियाँ खाता है..."
सत्यम, ज़रा संभल के!
"सत्यम को रविवार का इंतज़ार रहता है क्योंकि हर रविवार वह माँ के साथ खेत पर जाता है।"
सत्यम, ज़रा संभल के!
"उफ़! कैसी-कैसी चाल चलता है सत्यम! जानते हो, जानवर, पंछी और कीड़े-मकोड़े भी अलग-अलग कारणों से अलग-अलग तरह की चाल चलते हैं।"
सत्यम, ज़रा संभल के!
"“कितनी भूख लगी है मुझे,” गोजर"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"एक सौ और आह! यही है मेरा टूटा पैर!"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"निबौरी है कीड़ों को दूर भगाने का उपचार।"
हर पेड़ ज़रूरी है!
"होता है हर कहीं इनका योगदान।"
हर पेड़ ज़रूरी है!
"चुंबक सभी चीज़ों से नहीं चिपकता। यह सिर्फ उन कुछ चीज़ों से चिपकता है जिनमें कुछ ख़ास तत्व होते हैं। किसी वस्तु को चुंबक से चिपकाने वाले यह ख़ास तत्व हैं लोहा, निकिल, स्टील और कोबाल्ट।"
जादुर्इ गुटका
"“अप्पा वो होता है पौधों का खाना, उसे खाकर पौधे लम्बे-तगड़े होते हैं” रोज़ बोली।"
रोज़ और रॉकी चले कम्पोस्ट बनाने
"“रॉकी! पता है न हमें कम्पोस्ट बनाने के लिए क्या चाहिए?”"
रोज़ और रॉकी चले कम्पोस्ट बनाने
"वे मेंढकों को तंग करती है और मच्छरों को अपना आहार बनाती है।"
द्रुवी की छतरी
"बहुत तेज़ हवा चल रही है लेकिन द्रुवी को अब तक अपने लिए छतरी नहीं मिली है।"
द्रुवी की छतरी
"वह एक पौधे के नीचे ठहरती है मगर उसके पतले से पत्ते मुड़ जाते हैं!"
द्रुवी की छतरी
"उसे ढोलक बजाना अच्छा लगता है और मुझे नृत्य करना।"
आनंद
"पढाई पे है छूट"
छुट्टी
"दीदी का घर कहाँ है? इधर है कि उधर है?"
दीदी का रंग बिरंगा खज़ाना
"‘‘मुझे कुछ दिखाई दे रहा है जिसका रंग भूरा है,’’ बाबा ने कहा।"
एक सफ़र, एक खेल
"‘‘सही जवाब है सूटकेस!’’ बाबा तालियाँ बजाते हुए बोले। नीना ने किताब नीचे रख दी और उनकी बातें सुनने लगी।"
एक सफ़र, एक खेल
"‘‘मैं कुछ देख रही हूँ जो है हरा-हरा,’’ नीना बोली।"
एक सफ़र, एक खेल
"‘‘मुझे एक लम्बा सा जानवर दिख रहा है जिस पर भूरे रंग के धब्बे हैं,’’ बाबा ने कहा।"
एक सफ़र, एक खेल
"फिर बोली, ‘‘मुझे मालूम है कि नयी जगह पर यह खेल खेलने में तो और भी मज़ा आयेगा!’’"
एक सफ़र, एक खेल
"मुनिया को यह अहसास हमेशा सताता रहता कि गजपक्षी को पता है कि मुनिया कहीं आसपास है, क्योंकि वह अक्सर उस पेड़ की दिशा में देखता जिसके पीछे वह छुपी होती। हर सुबह मुनिया गाँव के कुएँ से तीन मटके पानी भर लाती और लकड़ियाँ ले आती ताकि उसकी अम्मा चूल्हा फूँक सकें। इसके बाद वह हँसते-खेलते अपनी झोंपड़ी से बाहर चली जाती। अम्मा समझतीं कि वह गाँव के बच्चों के साथ खेलने जा रही है। उन्हें यह पता न था कि मुनिया जंगल में उस झील पर जाती है जहाँ वह विशालकाय एक-पंख गजपक्षी रहता था।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"एक दिन, मुनिया ने बाहर खुले में आने की हिम्मत बटोरी। अपना सिर घुमाये बिना उस विशालकाय ने पहले तो अपनी आँखें घुमाकर मुनिया को देखा और फिर उन्हे बंद कर उसने मुनिया के आगे बढ़ने की कोई परवाह नहीं की। उसके सिर पर भनभनातीं मक्खियों से ज़्यादा ध्यान न खींच पाने के चलते मुनिया धम्म से अपने पैर पटक उसकी ओर बढ़ी। अचानक उस विशालकाय ने अपना एक पंजा उठाया। मुनिया चीखी और झील के उथले पानी में सिर के बल गिर पड़ी। पानी में भीगी-भीगी जब वह झील से बाहर आयी तो क्या देखती है कि गजपक्षी का समूचा बदन हिलडुल रहा है। वह समझ गयी कि वह हँस रहा था!"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"“नटखट का कहीं कोई नामोनिशान नहीं। हो सकता है बाड़े का दरवाज़ा ठीक से बंद न किया गया हो और वह भाग निकला हो।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"“उस विशालकाय एक-पंख गजपक्षी के अलावा और कौन हो सकता है भला? उसे तो ख़त्म कर देना चाहिए!” दूधवाले ने कहा, “बरसों से यूँ चुपचाप पड़े-पड़े वह दुष्ट अपनी योजनाएँ बनाता रहा है!”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"इस पर मुखिया गाँव वालों की गुस्सैल आवाज़ों से भी ऊँची आवाज़ में बोला, “भाइयों, यह बात सही है कि हमारा सामना एक राक्षस से है, लेकिन हमारे पास संख्या की शक्ति है। इसलिए आइये इकट्ठे हो अपनी हिम्मत बाँध उसे ख़त्म करें!” बदले में एक सहमति भरी हुंकार गूँज उठी।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"मुनिया के पास सिर्फ एक रात थी। सवाल ये था कि वह उसकी बेगुनाही भला कैसे साबित करे? “सोचो मुनिया, सोचो!” फुसफुसाकर उसने खुद से कहा। “दूधवाले ने नटखट को झील की ओर जाने वाली सड़क पर तेज़ी से भागते हुए देखा था...लेकिन झील तक पहुँचने से पहले वह सड़क एक मोड़ लेती है और चन्देसरा की ओर जाती है। क्या पता नटखट अगर वहीं गया हो तो?”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"जवाब में वह कहता है, “भऊ।” इसका मतलब है उसकी भी आँखें हैं।"
टिमी और पेपे
"जवाब में वह कहता है, “गुर्रर्रर्र...,” और मुड़कर अपनी छोटी सी पूँछ दिखाता है। इसका मतलब उसके पास पूँछ है और मेरे पास नहीं!"
टिमी और पेपे
"जब ठंड पड़ती है तो हम रज़ाइयाँ निकाल लेते हैं।"
मेरा घर
"जब गर्मी पड़ती है तो हम एक पंखा चला लेते हैं।"
मेरा घर
"उसकी परेशानी यह है कि उसकी नींद नहीं खुलती।"
भीमा गधा
"“कितना अच्छा है मेरा लाल फाटक!” वीना बोली।"
नन्हे मददगार
"“कितना अच्छा है मेरा हरा फाटक!” विनय बोला।"
नन्हे मददगार
"जवाब में वह कहता है, “भऊ।” इसका मतलब है उसकी भी आँखें हैं।"
टिमी और पेपे
"जवाब में वह कहता है, “गुर्रर्रर्र...,” और मुड़कर अपनी छोटी सी पूँछ दिखाता है। इसका मतलब उसके पास पूँछ है और मेरे पास नहीं!"
टिमी और पेपे
"चाचा ने दूसरे पतीले में मसाला डाला। हाँ! यह है भीनी-मीठी खुशबू!"
सोना की नाक बड़ी तेज
"सोना ने गहरी साँस ली, "यह है अनारी मीठी चुस्की!""
सोना की नाक बड़ी तेज
""मगर कुछ और बेकार सी गंध भी है चाचा," सोना ने नाक सिकोड़ी।"
सोना की नाक बड़ी तेज
""ठीक गन्ध है सोना?""
सोना की नाक बड़ी तेज
" "कुछ लगने लगा है पतीले में! चाचा!!""
सोना की नाक बड़ी तेज
"बेचारा सृंगेरी श्रीनिवास। लगता है इस सालाना बाल-कटाई दिवस पर कोई उसके बाल नहीं काटेगा।"
सालाना बाल-कटाई दिवस
"हाथ जला बैठा है लल्ला"
सबरंग
"मचा रहा है कैसा हल्ला।"
सबरंग
"बोला, क्या करती है तंग?"
सबरंग
"पढ़-पढ़ कर बनता है ज्ञानी"
सबरंग
"क्या है बेटा, बोली दादी।"
सबरंग
"बड़ी चोट है उसको आई"
सबरंग
"भाग गया है मोटर वाला।"
सबरंग
"विवान ने हैरान होकर पूछा, "वाद्य-यंत्र क्या होता है?"मौसी ने विवान को समझाया, "वाद्य-यंत्रों से बजता है संगीत। आओ, तुम्हें इनसे परिचित करवाती हूँ।""
संगीत की दुनिया
""डब्बा नहीं यह हार्मोनियम है कहलाता,"
संगीत की दुनिया
"हार्मोनियम का है संगीत निराला,"
संगीत की दुनिया
"तबला हमेशा जोड़े में है आता,"
संगीत की दुनिया
"लोकप्रिय है देश विदेश में हमारी सितार।""
संगीत की दुनिया
"बाँसुरी है कृष्ण का प्यारा बाजा,"
संगीत की दुनिया
"हाथों में है ग़ज़ब की फुर्ती"
निराली दादी
"हिलती है उनकी परछाईं"
निराली दादी
"तुम्हें तो पता ही है कि वह कितनी गप्पी है! हम दोनों ने कई बार चाय पी और वे सारे लड्डू खा गई जो तुम्हारी माँ ने बनाए थे।" नानी बोलीं।"
नानी की ऐनक
"मुझे लगता है कि नानी के अगले जन्मदिन पर एक और ऐनक खरीदने के लिए मैं पैसे जमा कर लेती हूँ।"
नानी की ऐनक
"बारिश का मौसम किसानों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि खेती के लिये पानी की अधिक आवश्यकता होती है।"
बारिश हो रही छमा छम
"“लगता है सब कुछ उल्टा लिखा है।”"
जंगल का स्कूल
"हर सुबह, जैसे ही उसके पापा दाढ़ी बनाना शुरू करते हैं, अनु भी उनके पास आकर बैठ जाती है। बड़े ध्यान से उन्हें दाढ़ी बनाते हुए देखती है। उसके पापा अपनी दो उँगलियों में एक छुटकू-सी कैंची पकड़े, कच-कच-कच... अपनी मूँछों को तराशने में जुट जाते हैं।
और अनु है कि कहती जाती है, “थोड़ा बाएँ... अब थोड़ा-सा दाएँ... पापा नहीं ना! आप अपनी मूँछों को और छोटा मत कीजिए!
आप ऐसा करेंगे तो मैं आपसे कट्टी हो जाऊँगी!”"
पापा की मूँछें
"सच बात तो यह है कि अनु को सारे मूँछ वाले आदमी अच्छे लगते हैं। जैसे कि उसकी दोस्त तुती यानि स्मृति के पापा।"
पापा की मूँछें
"ये मोटी-मोटी मूँछ है उनकी! मूँछें काढ़ने के लिए उन्हें एक अच्छे-खासे मोटे कंघे की ज़रूरत पड़ती है।"
पापा की मूँछें
"साहिल के पापा की मूँछ पेंसिल की लकीर सी पतली हैं। अनु सोचती है कि वे अपनी मूँछें भला इतनी पतली कैसे बनाते होंगे।"
पापा की मूँछें
"लेकिन सबसे बढ़िया मूँछें तो, पास वाले मकान में रहने वाले उन दादाजी की हैं! ऐसा लगता है मानो एक बड़ा-सा स़फेद बादल आसमान से उतर कर उनकी नाक के नीचे रहने चला आया है! अब उनका मुँह जो है, उस बादल के पीछे छिपा रहता है।"
पापा की मूँछें
"अनु सोचती है कि उसकी नाक के नीचे क्यों कोई मूँछ नहीं उगती?"
पापा की मूँछें
"हर सुबह, वह अपना साबुन भिगोती है, ढेर सारा झाग बनाती है और फिर उससे अपनी तरह-तरह की मूँछें बनाती है।"
पापा की मूँछें
"“एकदम झक सफेद, और मुलायम-मुलायम, है न?”"
पापा की मूँछें
""अपनी पूँछ है सबसे प्यारी,"
चुलबुल की पूँछ
"मेरी नाक सुन सकती है कि माँ रसोई में जलेबियाँ तल रही हैं
।"
चुप! मेरी नाक कुछ कह रही है...
"यह छोटी ज़रूर है लेकिन यहाँ बहुत सी किताबें हैं।"
चलो किताबें खरीदने
"“कितनी भूख लगी है मुझे,” गोजर"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"एक सौ और आह! यही है मेरा टूटा पैर!"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
""मुझे इस पैकेट से तेल निकाल कर बोतल में डालना है, और देखो ना, बोतल का मुंह कितना छोटा है!मुझे यकीन है कि आज मेरी रसोई ज़रूर गंदी हो जाएगी।" मंगल चाचा ने कहा।"
गुल्ली का गज़ब पिटारा
"आओ देखें, क्या निकलता है गुल्ली के गज़ब पिटारे से!"
गुल्ली का गज़ब पिटारा
"“वो क्या है कि...”"
कबाड़ी वाला
"सच तो यह है कि उसे भी साफ़ गाँव में रहना अच्छा लगता था।"
कचरे का बादल
"कभी सोचा है कि जो कचरा हम कूड़ेदान में फेंक देते है उसका क्या होता होगा? नहीं, वह हमारे सिर पर बादल बन कर नहीं मँडराता लेकिन जो भी कचरा हम फेंकते है वो हमारे घर के पास बने बड़े से कचराघर में जमा हो जाता है। सब कुछ एक साथ, सड़ती सब्जियाँ, टॉफ़ी के रैपर, किताबों-कापियों के फटे पन्ने।"
कचरे का बादल
"जब भी हम केले के छिलके या पेंसिल की छीलन सड़क पर फेंकते है, तो यह कचरा सड़क के किनारे इकठ्ठा हो जाता है। कुछ उन नालियों के अंदर चला जाता है और उन में जमा हो जाता है। रूकी हुई नालियों में मक्खी-मच्छर पैदा होते हैं जो बीमारियाँ फैलाते हैं! इससे हमारा पर्यावरण गन्दा होता है और अपने आसपास कूड़ा- कचरा तो किसी को भी अच्छा नहीं लगता। चीकू के दिल से पूछिये।"
कचरे का बादल
"भैंस बेचारी है दुखियारी"
काका और मुन्नी
"कोलाज शब्द फ़्रेंच शब्द कोले से बना है जिसका अर्थ है- चिपकाना। एक कोलाज बनाने के लिए अलग-अलग चीज़ों, उन्हें काटने के लिए कैंची और फिर उन्हें चिपकाने के लिए ढेर सारे गोंद की ज़रूरत होती है।"
काका और मुन्नी
"इस पृष्ठ में चार तत्वों वायु, जल, पृथ्वी और दहकते हुए सूर्य को दर्शाया गया है। जैसे इस किताब में कागज़ के टुकड़ों का इस्तेमाल हुआ है वैसे ही तुम कागज़ के टुकड़े"
काका और मुन्नी
"नाच रहा है देखो मोर"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"झूम झूम है उठता मोर"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"मन करता है इनको छू दें।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"घूम रही है अपनी आँखें।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"देख रही है छत-मकान-घर"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"झुला रही है चिड़िया रानी।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"मन करता है वह भी झूले,"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"धूप और गर्मी से उनको, है यह खूब बचाता।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"पेंसिल मेरी दिखला सकती है कई कमाल"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"लिख सकती है सुंदर अक्षर, हल कर सकती कई सवाल।"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"एकाएक अज़हर मियाँ रुक गए, “घर पर बैठी हमारी एक और बहन भी तो है जिसने आज नए कपड़े नहीं पहने हैं। हम में से किसी ने भी उसके बारे में सोचा तक नहीं।”"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"“मुमताज़ हमारी मौसेरी बहन ही तो है। और वह घर पर इसलिए है क्योंकि वह चल नहीं सकती,” कमरु और मेहरु इकट्ठा चिहुंकीं, “लेकिन हाँ, हमें उसके लिए भी कुछ मिठाई-पकवान तो ले ही लेना चाहिए।”"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"अम्मी को पढ़ना-लिखना नहीं आता। वह तो यह भी नहीं जानती थीं कि व्यापारी को उनके काम का मेहनताना कितना देना चाहिए। पहले तो मैंने उन्हें थोड़ा हिसाब करना, गिनना सिखाया। लेकिन फिर हमें रुपयों की ज़रूरत पड़ने लगी। तब मैंने भी यही काम पकड़ लिया।” मुमताज़ बहुत हौले से, कुछ रुक कर बोली, “कभी-कभी तो अम्मी की इतनी याद आती है कि मैं रात-रात भर रोया करती हूँ।”"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"“ऐसा है तो जल्दी से जाओ और अपनी नानी की चादर ले आओ, मैं तुम्हें एक खेल दिखाता हूँ,” मुन्नु रुआब से बोला। उसने मुमताज़ को चाँद पाशा के बारे में बताया। चाँद पाशा एक बीमार, बूढ़ा जादूगर था जिससे मुन्नु की मुलाकात अपने पिता के साथ फेरी लगाते हुई थी। उसने मुन्नु को एक बहुत ही मज़ेदार जादू सिखाया था। मुन्नु चाहता था कि मुमताज़ वह जादू देखकर अपना दुःख भूल जाए।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"“अच्छा, अब अपनी आँखें बंद करो और चादर का एक कोना थाम लो। दूसरा कोना मैं पकड़ लेता हूँ। अब एक लंबी साँस लो और खूब अच्छी तरह सोचो कि ऐसी कौन सी चीज़ है जो तुम्हें सबसे ज़्यादा चाहिए,” मुन्नु बोला।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"खुरशीद ने मुमताज़ को वह दुशाला दिखाया जो वे काढ़ रहे थे, “देखो बेटी, मैंने कश्मीर के पंछी और फूल अपने शॉल में उतार लिए हैं। यह है गुलिस्तान, फूलों से भरा बग़ीचा और ये रहीं बुलबुल। यह जो देख रही हो, इसे हम चश्म-ए-बुलबुल कहते हैं यानि बुलबुल की आँख। जिस तरह बुलबुल अपने चारों ओर देख सकती है, वैसे ही यह टाँका हर तरफ़ से एक जैसा दिखाई देता है!” कह कर खुरशीद ने मुमताज़ को वह टाँका काढ़ना सिखाया।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"अगले रोज़ मुन्नु ने देखा कि मुमताज़ अपने कबूतरों के पास उदास बैठी है। पूछने पर वह बोली “सफ़ेद कपड़े पर कढ़ाई करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि वह बहुत जल्दी गंदा हो जाता है। और अपने रंगीन धागों के बिना मैं काढ़ूँगी भी कैसे?” मुमताज़ मायूस थी।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"दस्तकार हाट समिति भारतीय शिल्पकारों की एक विशाल संस्था है जो कि इस देश की पारंपरिक दस्तकारी से जुड़े लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्यरत है। चार कहानियों की इस शृंखला को चित्रित करने के लिए प्रांतीय कला और शिल्प के नमूनों का इस्तेमाल किया गया है जिससे भारत की भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक संवेदनाओं को साझा किया जा सके। हम युनेस्को, नई दिल्ली, के आभारी हैं जिनके योगदान से यह कार्य पूरा हुआ।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"बड़ी मूँछों वाले पहरेदार ने भँवें सिकोड़ीं,”क्या बादशाह को मालूम है कि तुम आने वाले हो?“"
रज़ा और बादशाह
"उनके आने की आहट पाते ही अकबर पलट कर मुस्कराये,”आओ रहमत! अंगरखे लाये हो? और यह लड़का कौन है तुम्हारे साथ?“"
रज़ा और बादशाह
"”कढ़ाई अच्छी है और...पहनने में भी आरामदेह है,“"
रज़ा और बादशाह
"3. दो मुग़ल बादशाहों ने नये शहर बनवाये। अकबर ने आगरा के पास, फ़तेहपुर सीकरी बनवाया और शाहजहाँ ने दिल्ली में, शाहजहाँनाबाद। फ़तेहपुर सीकरी, आज वीरान पड़ा है पर शाहजहाँनाबाद (आज पुरानी दिल्ली कहलाता है) में आज भी लोग रहते हैं और वहाँ ज़िन्दगी की चहल-पहल बरक़रार है।"
रज़ा और बादशाह
"6. मुग़लों के महलों में कई रसोईघर थे। हर रसोईघर से बादशाह के लिये खाना भेजा जाता। ज़ाहिर है कि जब बादशाह सलामत खाने बैठते तो वे तीस किस्म की लज़ीज़ चीज़ों में से अपनी पसन्द की चीज़ खाते। ओहो! मुँह में पानी भर आता है मुग़लई खाने का नाम आने पर- बिरयानी, पुलाओ, कलिया, कोर्मा-यह सब पकवान मुग़लई रसोईघरों से ही निकल कर आये हैं।"
रज़ा और बादशाह
"मैडम ने कहा था कि मुझे तुम्हारी मदद करनी है और तुम्हें यह दिखाना है कि स्कूल में कौन सी जगह कहाँ है, क्योंकि तुम स्कूल में नई आई हो। लेकिन उन्होंने मुझे इस बारे में और कुछ नहीं बताया था।"
थोड़ी सी मदद
"माँ कहती है कि लोगों को घूरना अच्छी बात नहीं है। लेकिन मैं तो देखता हूँ कि सभी तुम्हें घूरते हैं। वे मुझे भी घूरते हैं क्योंकि मुझे तुम्हारे साथ रहना होता है, तुम्हारा ध्यान रखने के लिए। तुम हमारे स्कूल में क्यों आइं? तुमने अपनी पढ़ाई उसी स्कूल में जारी क्यों नहीं रखी जहाँ तुम पहले पढ़ती थीं?"
थोड़ी सी मदद
"मैं सबसे कहता हूँ कि वे जो कुछ भी जानना चाहते हैं ख़ुद तुमसे ही पूछ लें। मुझसे पूछने का क्या मतलब? मुझे कैसे पता हो सकता है कि तुम्हारे पास वह चीज क्यों है और वह कैसे काम करती है?"
थोड़ी सी मदद
"सच कहूँ तो ख़ुद मैं भी यह बात जानना चाहता हूँ और मेरे मन में भी वही सवाल हैं जो लोग तुम्हारे बारे में मुझसे पूछते हैं। हाँ, मैंने पहले दिन ही, जब तुम कक्षा में आई थीं, गौर किया था कि तुम एक ही हाथ से सारे काम करती हो और तुम्हारा बायाँ हाथ कभी हिलता भी नहीं। पहले-पहल मुझे समझ में नहीं आया कि इसकी वजह क्या है। फिर, जब मैं और नजदीक आया, तब देखा कि कुछ है जो ठीक सा नहीं है। वह अजीब लग रहा था, जैसे तुम्हारे हाथ पर प्लास्टिक की परत चढ़ी हो। मैं समझा कि यह किसी किस्म का खिलौना हाथ होगा। मुझे बात समझने में कुछ समय लगा। इसके अलावा, खाने की छुट्टी के दौरान जो हुआ वह मुझसे छुपा नहीं था।"
थोड़ी सी मदद
"आज मेरी बड़ी दीदी का फोन आया। वह दिल्ली में इँजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। मैंने उन्हें बताया कि हमारी कक्षा में एक लड़की है और उसका एक हाथ नकली है। दीदी ने बताया कि उसे 'प्रॉस्थेटिक हैंड’ कहते हैं।"
थोड़ी सी मदद
"सुनो, मैं तुम्हें एक सलाह देना चाहता हूँ। यह ठीक है कि तुम हमारे स्कूल में नई हो। लेकिन अगर तुम चाहती हो कि कोई तुम्हें घूर-घूर कर न देखे, और तुम्हारे बारे में बातें न करें, तो तुम्हें भी हर समय सबसे अलग-थलग खड़े रहना बंद करना होगा। तुम हमारे साथ खेलती क्यों नहीं? तुम झूला झूलने क्यों नहीं आतीं? झूला झूलना तो सब को अच्छा लगता है। तुम्हें स्कूल में दो हफ्ते हो चुके हैं, अब तो तुम खुद भी आ सकती हो। मैं हमेशा तो तुम्हारा ध्यान नहीं रख सकता न।"
थोड़ी सी मदद
"उस दिन खाने की छुट्टी के दौरान जो कुछ हुआ, मैं देख रहा था। आख़िर मैं भी सब कुछ जानना चाहता हूँ। क्या किसी का एक ही हाथ होना कोई अजीब बात है? सिर्फ़ तुम्हारा हाथ ही ऐसा है या फिर तुम्हारी पूरी बाँह ही नकली... माफ़ करना, प्रॉस्थेटिक है?"
थोड़ी सी मदद
"मुझे लगता है कि बड़े लोग कुछ ज़्यादा ही चिंता करते हैं।"
थोड़ी सी मदद
"तुम जानती हो न कि सँयोग क्या होता है? यह ऐसी बात है कि जैसे तुम कुछ कहो और थोड़ी देर में वही बात कुछ अलग तरीके से सच हो जाए। पिछले पत्र में मैंने तुम्हें सुमी और जूतों के फीतों के बारे में बताया था। और उसके बाद, आज, मैंने तुम्हें जूतों के फीते बाँधते हुए देखा। वाह, यह अद्भुत था! मैं सोचता हूँ कि तुमने यह काम मुझसे ज़्यादा जल्दी किया जबकि मैं दोनों हाथों से काम करता हूँ। अगर तुम मेरी दोस्त न होतीं तो मैं तुम्हारे साथ जूते के फीते बाँधने की रेस लगाता। नहीं, नहीं, शायद मैं तुम्हें कहता कि मुझे भी एक हाथ से फीते बाँधना सिखाओ।"
थोड़ी सी मदद
"सुनो, हमारे साथ खेलने के बारे में मैने पहले जो कुछ भी कहा है उसके लिए मैं क्षमा माँगता हूँ। मुझे लगता है कि तुम सिर्फ़ शर्माती हो। और मैंने एक ही हाथ का इस्तेमाल करते हुए झूला झूलने की भी कोशिश की। और यह काम बहुत ही मुश्किल है, झूले को दोनों हाथों से पकड़ कर न रखा जाए तो शरीर का संतुलन नहीं बन पाता। लेकिन तुम जैसे जँगल जिम की उस्ताद हो। भले ही तुम बार पर लटक नहीं पातीं लेकिन तुम सचमुच बहुत तेज दौड़ती हो, अली से भी तेज, जिसे खेल दिवस पर पहला इनाम मिला था।"
थोड़ी सी मदद
"फ़िल्म सच में बहुत ही बढ़िया थी, है न? मैं इतना हँसा कि मेरा पेट दुखने लगा और मेरे आँसू निकल आए। जब भी स्कूल में फ़िल्म दिखाई जाती है मुझे बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि उस दिन पढ़ाई की छुट्टी।"
थोड़ी सी मदद
"पिछली बार, हमारे स्कूल में तुम्हारे आने से पहले, हमें एक बाघ के बच्चे की फ़िल्म दिखाई गयी थी जो जँगल में भटक गया था। हम भी उसे लेकर चिंता में पड़ गए थे क्योंकि वह एक सच्ची कहानी थी। बाद में वह बाघ का बच्चा किसी को मिल जाता है और वह उसे उसके परिवार से मिला देता है। जानती हो ऐसी सच्ची कहानियों को डॉक्यूमेंट्री कहा जाता है। बाघ के बच्चे बड़े प्यारे होते हैं, हैं न?"
थोड़ी सी मदद
"पता है जब मैंने तुम्हें बस में देखा तो मैं बहुत हैरान हुआ था। मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि मेरे पिता और तुम्हारे पिता एक ही जगह काम करते हैं! लेकिन मैं बहुत खुश हूँ कि तुम दफ़्तर की पिकनिक में आईं, क्योंकि पिछले साल जब हम दफ़्तर की पिकनिक पर गए थे तब उसमें मेरी उम्र का कोई भी बच्चा नहीं था और बड़ों के बीच अकेले-अकेले मुझे ज़रा भी अच्छा नहीं लगा था। मैं बहुत ऊब गया था।"
थोड़ी सी मदद
"मुझे लगता है कि मुझे यह बात पहले ही तुम्हें बता देनी चाहिए थी- जब भी वार्षिकोत्सव आने वाला होता है, प्रिंसिपल साहब कुछ सनक से जाते हैं। वे तुम पर चिल्ला सकते हैं - वे किसी को भी फटकार सकते हैं। अगर ऐसा हो, तो बुरा न मानना। मेरी माँ कहती है कि वे बहुत ज़्यादा तनाव में आ जाते हैं, क्योंकि वार्षिकोत्सव कैसा रहा इससे पता चलता है कि उन्होंने काम कैसा किया है।"
थोड़ी सी मदद
"पता नहीं इसका क्या मतलब है, लेकिन वे बहुत परेशान दिखते हैं। तुमने उनके बाल देखे हैं? वह ऐसे लगते हैं जैसे उन्होंने बिजली का नँगा तार छू लिया हो और उन्हें करारा झटका लगा हो! वैसे, मुझे लगता है कि रानी ने उनकी कुर्सी पर मेंढक रख कर अच्छा नहीं किया।"
थोड़ी सी मदद
"तुम्हारा नया हाथ तो बहुत ही बढ़िया है! बुरा न मानना, लेकिन पुराना वाला हाथ कुछ उबाऊ था। बस था... नाम को। जबकि नया वाला तो बिल्कुल जादू जैसा है, और तुम उँगलियाँ भी चला सकती हो और उनसे चीजें भी पकड़ सकती हो! मुझे उम्मीद है कि अगर मैं तुमसे हाथ मिलाने के लिए कहूँ तो तुम बुरा नहीं मानोगी। अरे यह बात बस मेरे मुँह से यूँ ही निकल गई। कल देखेंगे कि क्या तुम इस से कुछ सामान भी उठा सकती हो।"
थोड़ी सी मदद
"ओह! मुझे अभी अहसास हुआ है कि मैंने तुम्हें जो दो आखीरी पत्र लिखे हैं, उनमें मैंने तुम्हारे प्रॉस्थेटिक हाथ के बारे में बात ही नहीं की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं इसके बारे में बिल्कुल ही भूल गया था और मेरे पास तुम्हें बताने के लिए और भी बातें थीं। मज़ेदार बात यह है कि तुम्हारे हाथ को लेकर अब मेरे मन में कोई सवाल नहीं उठते। न जाने क्यों!"
थोड़ी सी मदद
"आप स्वतन्त्र किस्म के व्यक्ति हैं और मानते हैं कि सभी को ऐसा ही होना चाहिए। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप को किसी की चिन्ता नहीं होती। बस आप दूसरों पर दबाव नहीं बनाना चाहते।"
थोड़ी सी मदद