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Storybook paragraphs containing word (41)
"मैंने मम्मी से पूछा, “क्या मैं ये कपड़े पहन लूँ?”"
अभी नहीं, अभी नहीं!
"अगले दिन, मैं जल्दी उठा और रसोई में गया। अज्जी ने कहा, “तुम ये लड्डू खा सकते हो।”"
अभी नहीं, अभी नहीं!
"मम्मी ने कहा, “अब तुम ये कपड़े पहन सकते हो।”"
अभी नहीं, अभी नहीं!
"पापा ने कहा, “तुम ये डिब्बा खोल सकते हो!”
और उन सभी ने कहा, “जन्मदिन मुबारक हो!”"
अभी नहीं, अभी नहीं!
"पर हैं ये सब बनबिलाव ही!"
बनबिलाव! बनबिलाव!
"“ऑटो, ऑटो, ऑटो”, ये आवाज़ें अर्जुन को बहुत अच्छी लगीं।"
उड़ने वाला ऑटो
"विमान जानते हैं कि उन्हें कहाँ जाना है, क्योंकि विमानचालक उन्हें चलाते हैं। ये चालक विमान के अंदर, सामने की एक जगह, जिसे चालक स्थल (कॉकपिट) कहते हैं, से उन्हें नियंत्रित (कंट्रोल) करते हैं। वे बहुत ही सटीक और आधुनिक डिवाइसों के द्वारा हवाई अड्डों (एक जगह जहाँ हवाई जहाज़ उड़ान भरते और उतरते हैं) के संपर्क में रहते हैं। जिस तरह हमारी मदद के लिए सड़क पर सिग्नल और पुलिस होती है, वैसे ही वायु यातायात नियंत्रक (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) होते हैं जो विमान चालक को बताते हैं कि कब और किस ओर उड़ान भरनी है और कब उड़ान भरना या उतरना सुरक्षित रहेगा।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
"विमान वास्तव में एक विशाल पक्षी है! न सिर्फ़ इसका आकार पक्षी की तरह है, बल्कि ये उड़ते भी हैं, हालाँकि पक्षियों की तरह नहीं। सरला बड़ी होकर विमान चालक बनना चाहती है और हवाई जहाज़ उड़ाना चाहती है।"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?
""भारत छोड़ो!" पुट्टी की आँखें हैरानी से और फैल गयीं। "हमने इतिहास में पढ़ा है! पुट्टा, ये वह आंदोलन है जो 1942 में शुरू हुआ था, इसका मतलब है कि 1942 में ही...""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?
"तब एक समस्या सामने आई कि टूथपेस्ट को ट्यूब के अंदर भरा कैसे जाय? तुम ये कैसे करते?"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?
"पच्चा ने सभी को समझाया कि,“तुम लोगों ने जिन बीजों को इक्ट्ठा किया है, ये सभी पेड़ों के बच्चे हैं।“"
आओ, बीज बटोरें!
"“हैं न प्यारे? वैसे ये बीज ही बड़े होकर सेब का पेड़ बनते हैं,“ पच्चा बोला।"
आओ, बीज बटोरें!
"“मुझे केले के बीज दिखाई दे रहे हैं! ये तो सोते हुए गोजर, वो कई पैरों वाले कीड़े, की तरह दिख रहे हैं,“ टूका उत्साहित होकर बोला।"
आओ, बीज बटोरें!
"पच्चा ने समझाते हुए बताया, “बीज सभी आकृति और आकार के होते हैं।“ इंजी सेब का बचा हुआ हिस्सा खाने में जुटा था। “क्या ये सभी पेड़ों के बच्चे हैं?" पोई ने पूछा।"
आओ, बीज बटोरें!
"मिर्च हर आकार, रूप और रंग की होती हैं और पूरे विश्व में इनका उत्पादन होता है। इसके बीज छोटे, गोल और चपटे होते हैं और इनका इस्तेमाल दाल या भाजी में चटपटापन लाने के लिए किया जाता है। जब आप इन्हें छुएं तो सावधान रहें, ये आपकी उंगलियों में जलन पैदा कर सकतीं हैं।"
आओ, बीज बटोरें!
"कॉफी के बारे में तो आप सभी जानते होंगे, जिसे आपके मम्मी-पापा हर सुबह पीते हैं? ये कॉफी बैरीज़ से बनती है। बैरीज़ से मिलने वाले दानों को सुखाकर, भूनकर और पीसकर पाउडर बना दिया जाता है। दक्षिण भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में कॉफी के बागान हैं।"
आओ, बीज बटोरें!
"सभी पौधों को मिट्टी से बहुत प्रेम होता है, लेकिन मूंगफली को धरती से ज्यादा ही प्यार है, इसी कारण ये जमीन के अंदर ही बढ़ती हैं। इसके छोटे-छोटे दाने खाने में बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं। इन दानों को कच्चा, उबालकर और भूनकर खाया जाता है।"
आओ, बीज बटोरें!
"“हाँ बहुत अच्छा। ये तो बहुत सुंदर महल बन गया है!”"
मलार का बड़ा सा घर
"दुःखी सूरज देखता ये नज़ारा"
सूरज का दोस्त कौन ?
"तितलियाँ! ये मुझे सब से ज्यादा पसंद हैं! ये कितनी सुन्दर हैं?"
तितलियां
"“अगर एक टूट भी गया तो उसकी इतनी परवाह क्यों करती हो। बंद करो ये सब नाटक!”"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर
"पर, ये क्या!"
कुत्ते के अंडे
"मुनिया के पास सिर्फ एक रात थी। सवाल ये था कि वह उसकी बेगुनाही भला कैसे साबित करे? “सोचो मुनिया, सोचो!” फुसफुसाकर उसने खुद से कहा। “दूधवाले ने नटखट को झील की ओर जाने वाली सड़क पर तेज़ी से भागते हुए देखा था...लेकिन झील तक पहुँचने से पहले वह सड़क एक मोड़ लेती है और चन्देसरा की ओर जाती है। क्या पता नटखट अगर वहीं गया हो तो?”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"“जैसा कि आप जानते हैं, कुछ साल पहले मैंने नटखट को बेच दिया था। कल मैं नटखट के भाइयों - बाँका और बलवान के द्वारा खींची जाने वाली बग्घी में सवार आपके गाँव से गुज़र रहा था। मुझे नहीं मालूम कि किस तरह से नटखट अपने आपको छुड़ा हमारे पीछे-पीछे भागकर चन्देसरा चला आया। मैं उसे पहचान न सका और यह समझ न पाया कि इसका करूँ तो करूँ क्या। फिर आज सुबह मैंने इस नन्ही-सी बच्ची को एक झोंपड़ी से दूसरी झोंपड़ी जाते और एक गुमशुदा घोड़े के बारे में पूछते हुए देखा। लेकिन या इलाही ये माजरा क्या है?” तीसरी बार उसने अपना वही सवाल किया।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"यह कहानी एक वास्तविक गजपक्षी से प्रेरित है। इस विशाल पक्षी, एलिफेंट बर्ड, को वैज्ञानिकों ने एपियोरनिस मेक्सिमस का नाम दिया। यह दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी था और मेडागास्कर के द्वीपों में पाया जाता था। वनों के नष्ट होने और आबादी बढ़ने से ये विशाल पक्षी 1700 ई. के आस-पास लुप्त हो गए।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी
"जल्दी-जल्दी क़दम बढ़ाये ये कह दोनों बाहर आये।"
सबरंग
"मधुर सी बजें मिलकर ये सात तार,"
संगीत की दुनिया
"अनु को अपने पापा की ये सारी चीज़ें अच्छी लगती हैं।"
पापा की मूँछें
"पलकों पर भी ये आ जाएँ,"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला
"मुमताज़ अपने घर से दूर तो थी लेकिन परिवार का एक प्यारा-सा हिस्सा उसके पास भी तो था! उसकी प्यारी तोती मुनिया और दो कबूतर-लक्का और लोटन! ये तीनों उसका दिल बहलाते थे।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"खुरशीद ने मुमताज़ को वह दुशाला दिखाया जो वे काढ़ रहे थे, “देखो बेटी, मैंने कश्मीर के पंछी और फूल अपने शॉल में उतार लिए हैं। यह है गुलिस्तान, फूलों से भरा बग़ीचा और ये रहीं बुलबुल। यह जो देख रही हो, इसे हम चश्म-ए-बुलबुल कहते हैं यानि बुलबुल की आँख। जिस तरह बुलबुल अपने चारों ओर देख सकती है, वैसे ही यह टाँका हर तरफ़ से एक जैसा दिखाई देता है!” कह कर खुरशीद ने मुमताज़ को वह टाँका काढ़ना सिखाया।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने
"”हमें ये रंग जँच नहीं रहे, रहमत!“अकबर ज़रा तुनक कर बोले।"
रज़ा और बादशाह
"“नहीं मास्टर जी,” कल्लू की आँखों में आँसू छलक आये और ये सचमुच के आँसू थे। जब चाहो निकाल दो वाले मगरमच्छी आँसू नहीं। वह सच में शो में भाग लेना चाहता था। “मास्टर जी!” उसकी आवाज़ में घबराहट और बेचारगी दोनों थी
“मैं वादा करता हूँ मैं फिर कभी देर नहीं करुँगा। एक मौका...”"
कल्लू कहानीबाज़
"प्रचलित कहानियों के अनुसार ध्यान चंद सैनिक के अपने कार्य को पूरा करने के बाद हॉकी का अभ्यास किया करते थे। लेकिन तब तक रात हो जाया करती थी, और उस ज़माने में फ़्लड लार्इट्स नहीं थीं। इसलिए ध्यान चंद अभ्यास करने के लिए चाँद उगने का इंतज़ार किया करते थे। चाँदनी रातों में पेड़ दूधिया रोशनी में नहाए होते, जब कुत्ते हर जगह रो रहे होते, तब ये दुबला पतला नौजवान अपनी तेज़ गति से चलने वाली हॉकी स्टिक के साथ मैदान में दिखार्इ पड़ता जहाँ वो गेंद को गोल पोस्ट में डाल रहा होता।"
ध्यान सिंह 'चंद' : हॉकी के जादूगर
"मगर इधर रसोईए, संगीतकार, विदूषक, मालिश वाले और रानी का क्या हाल हुआ? वो रात भर सेवा में तत्पर रहे, उन्हें कभी यह नहीं पता होता था कि कब राजा जाग जाएँ और उन्हें बुला बैठें। और अब ये सब लोग दिन भर थके और चिड़़चिड़़े रहने लगे। वही हाल उनका भी था जो उनका इंतज़ार करते थे- रसोइए की बीवी, संगीतकार का बेटा, विदूषक का भाई, मालिश वाले के पिताजी, रानी की परिचारिका, परिचारिका का पति, पति का भाई, भाई का दोस्त, दोस्त के माँ - बाप... सारा शहर।"
कोट्टवी राजा और उनींदा देश
"इस खेल में ऑक्टोपस की जीत हुई। आठ पैरों वाले ये जीव जन्मजात बहरूपिये होते हैं। यूं पाइपफ़िश भी छुपने के लिए रूप बदलने में किसी से कम नहीं!क्या इस तस्वीर में दो घोस्ट पाइपफ़िश नज़र आ रही हैं?"
गहरे सागर के अंदर!
"समुद्र की तली में हमें व्हाइटटिप रीफ़ शार्क का जोड़ा भी आराम करते हुए मिला। ये मछलियां बड़ी ज़रूर होती हैं, लेकिन ख़तरनाक नहीं, इसलिए हम उन्हें ठीक से देखने के लिए उनके काफ़ी पास तक जा पहुंचे।"
गहरे सागर के अंदर!
"पैरेटफ़िश के दांत तोते की चोंच जैसे नज़र आते हैं। अपने बड़े और मज़बूत दांतों से ये मछलियां सख़्त प्रवाल पर जमी काई खुरच कर खाती हैं। कुछ किस्म की पैरेटफ़िश तो हरियाली के साथ थोड़ा बहुत प्रवाल भी खुरंच कर खा जाती हैं। खुरंच कर खाया हुआ प्रवाल इनकी आंतों से बाहर आते-आते बारीक पिस चुका होता है, और लहरों के साथ किनारे आकर ख़ूबसूरत 'बीच’ यानी समुद्रतट की सफ़ेद रेत का हिस्सा बन जाता है।"
गहरे सागर के अंदर!
"और जादव ने ज़्यादा ये ज़्यादा पौधे लगाने की मुहिम को जारी रखा।"
जादव का जँगल
""कभी-कभी ये विशेषताएं पिछली या उससे पहले वाली किसी पीढ़ी से आ जाती हैं।"
कहाँ गये गालों के गड्ढे?
"मेरी मां भी है, यह विशेषता नहीं थी। लेकिन मुझमें ये विशेषता है और ये विशेषता मुझसे तुमको मिली है।""
कहाँ गये गालों के गड्ढे?