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Storybook paragraphs containing word (45)

"“बड़े हमेशा क्यों कहते रहते हैं, अभी नहीं, अभी नहीं?”"
अभी नहीं, अभी नहीं!

"वह कभी शिकायत नहीं करता। क्योंकि ऑटो वाले शिरीष जी भी बहुत मेहनत करते थे। शिरीष जी की बूढ़ी हड्डियों में बहुत दर्द रहता था फिर भी वह अर्जुन के डैशबोर्ड को प्लास्टिक के फूलों और हीरो-हेरोइन की तस्वीरों से सजाये रखते। कतार चाहे कितनी ही लंबी क्यों न हो वह अर्जुन में हमेशा साफ़ गैस ही भरवाते। और जैसे ही अर्जुन की कैनोपी फट जाती वह बिना समय गँवाए उसे झटपट ही ठीक कर लेते।"
उड़ने वाला ऑटो

"हम अक्सर सोचते हैं कि पूरी फूलती क्यों है?"
पूरी क्यों फूलती है?

"भेल पूरी/ आलू दही पूरी में इस्तेमाल होने वाली पूरियाँ क्यों नहीं फूलतीं?"
पूरी क्यों फूलती है?

"कुछ ही दिनों में वह पशु-पक्षियों के बारे में बहुत कुछ जान गई और यह भी कि हम हवाई जहाज़ की तरह क्यों नहीं उड़ सकते!"
हवाई जहाज़ कैसे उड़ते हैं?

"”नमक?“ धनी चौंक कर उठ बैठा, ”नमक क्यों बनायेंगे? वह तो किसी भी दुकान से खरीदा जा सकता है।“
 ”हाँ, मुझे मालूम है।“ बिन्दा हँसा, ”पर महात्मा जी की एक योजना है। यह तो तुम्हें पता ही है कि वह किसी बात के विरोध में ही यात्रा करते हैं या जुलूस निकालते हैं, है न?“"
स्वतंत्रता की ओर

"”हाँ, बिल्कुल। मैं जानता हूँ वे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ सत्याग्रह के जुलूस निकालते हैं जिससे कि उनके खिलाफ़ लड़ सकें और भारत स्वतंत्र हो जाये। पर नमक को लेकर विरोध क्यों कर रहे हैं? यह तो बेवकूफ़ी की बात हुई!“"
स्वतंत्रता की ओर

"”गाँधी जी तो थक जायेंगे। वे दाँडी बस या ट्रेन से क्यों नहीं जा सकते?“"
स्वतंत्रता की ओर

"”बहुत अच्छा!“ गाँधी जी ने हाथ हिलाकर कहा, ”अब यह बताओ धनी कि तुम और बिन्नी सुबह से मेरे पीछे क्यों घूम रहे हो?“"
स्वतंत्रता की ओर

"कुछ साल बाद, ल्यूसियस दंत विज्ञान की पढ़ाई के लिए पेरिस गया। वहाँ उन्होने कलाकार (पेंटर) को धातु की ट्यूब दबाकर उससे पेंट की थोड़ी मात्रा निकाल, पेंट-ब्रश पर लगाते देखा। क्यों न हम इसी तरह के ट्यूब का उपयोग टूथपेस्ट रखने के लिए करें! वह घर आया और अपना सुझाव पिता के सामने रखा। उन्हें भी यह सुझाव बहुत पसंद आया।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?

"“माँ, बारिश क्यों नहीं हो रही?” मनु ने पूछा।"
लाल बरसाती

"“अगर एक टूट भी गया तो उसकी इतनी परवाह क्यों करती हो। बंद करो ये सब नाटक!”"
एक सौ सैंतीसवाँ पैर

"“रिंकी,” भैया ने पूछा, “फ़र्श पर यह नारियल क्यों रखा है?”"
जादुर्इ गुटका

"आप कोलकाता में ही कोई दूसरी नौकरी क्यों नहीं ढूँढ लेते?’’"
एक सफ़र, एक खेल

"मुखिया ने हैरत भरी नज़र से पूछा, “सारथी, तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और यह नटखट तुम्हारे साथ क्यों है?”"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"एक दिन पड़ोस की गाय गौरी ने पूछा, “भीमा तू उदास क्यों है?”"
भीमा गधा

"अनु सोचती है कि उसकी नाक के नीचे क्यों कोई मूँछ नहीं उगती?"
पापा की मूँछें

""क्या किया जाए," चुलबुल सोच में पड़ गई। बहुत सोच-विचार के बाद उसके दिमाग में एक बात आई। क्यों न डॉक्टर बोम्बो भालू के पास चला जाये।"
चुलबुल की पूँछ

"लेकिन यह क्या, चला क्यों नहीं जा रहा है, शरीर इतना भारी क्यों लग रहा है? चुलबुल थोड़ी सी परेशान हो गई।बड़ी मुश्किल से दरवाज़े के बाहर निकली।"
चुलबुल की पूँछ

""क्या हुआ दादाजी, आज आप अख़बार क्यों नहीं पढ़ रहे हैं?" एक सुबह गुल्ली ने दादाजी से पूछा।"
गुल्ली का गज़ब पिटारा

"लेकिन हम क्यों मूँदें आँखें?"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला

"ईद के दिन भी दोनों दोस्त अपने पंछियों की उछल-कूद देख रहे थे। मुन्नु को लगा मुमताज़ आज बहुत उदास है, इतनी उदास कि कहीं वह रो ही न दे। “क्या बात है, आपा, आज इतनी गुमसुम क्यों हो? क्या हरदोई की याद आ रही है? क्या वहाँ तुम्हारे और भी पालतू पंछी हैं?”"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"नानी ने मुमताज़ के माथे को बड़े प्यार से चूमा और बोली, “क्यों मेरी बच्ची, तू इतनी उदास क्यों है? तुझे शायद पता नहीं कि असली चिकनकारी रंगीन कपड़े पर तो होती ही नहीं। उसे तो सदियों से सफ़ेद मलमल पर ही काढ़ते थे क्योंकि यह कुरते आदमी ही पहना करते थे।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"माँ कहती है कि लोगों को घूरना अच्छी बात नहीं है। लेकिन मैं तो देखता हूँ कि सभी तुम्हें घूरते हैं। वे मुझे भी घूरते हैं क्योंकि मुझे तुम्हारे साथ रहना होता है, तुम्हारा ध्यान रखने के लिए। तुम हमारे स्कूल में क्यों आइं? तुमने अपनी पढ़ाई उसी स्कूल में जारी क्यों नहीं रखी जहाँ तुम पहले पढ़ती थीं?"
थोड़ी सी मदद

"मैं सबसे कहता हूँ कि वे जो कुछ भी जानना चाहते हैं ख़ुद तुमसे ही पूछ लें। मुझसे पूछने का क्या मतलब? मुझे कैसे पता हो सकता है कि तुम्हारे पास वह चीज क्यों है और वह कैसे काम करती है?"
थोड़ी सी मदद

"सुनो, मैं तुम्हें एक सलाह देना चाहता हूँ। यह ठीक है कि तुम हमारे स्कूल में नई हो। लेकिन अगर तुम चाहती हो कि कोई तुम्हें घूर-घूर कर न देखे, और तुम्हारे बारे में बातें न करें, तो तुम्हें भी हर समय सबसे अलग-थलग खड़े रहना बंद करना होगा। तुम हमारे साथ खेलती क्यों नहीं? तुम झूला झूलने क्यों नहीं आतीं? झूला झूलना तो सब को अच्छा लगता है। तुम्हें स्कूल में दो हफ्ते हो चुके हैं, अब तो तुम खुद भी आ सकती हो। मैं हमेशा तो तुम्हारा ध्यान नहीं रख सकता न।"
थोड़ी सी मदद

"ब. नए बच्चे स्कूल में ख़ुद क्यों नहीं घूम लेते"
थोड़ी सी मदद

"गणित के सवाल, विज्ञान,फुटबॉल खेलना और स्कूल के कार्यक्रमों में गाना - यह सब उसे पसंद था। पर फिर क्यों, क्यों वह कभी भी समय से स्कूल नहीं पहुँच पाता था? मास्टर जी भी यह समझ नहीं पाते थे। अब परसों की बात थी कि कल्लू की खिल्ली उड़ाते हुए बोले थे कि बेहतर होगा कि कल्लू रात को स्कूल के बरामदे में ही सो रहे और यह सुन के सब बच्चे कल्लू पर हँसे थे।"
कल्लू कहानीबाज़

"“एक अच्छी कहानी... एक विश्‍वास करने लायक बहाना।” पहले कितने बहाने खोजे थे उसने। आज एक नया बहाना खोजना इतना मुश्किल क्यों लग रहा था? उसके दिमाग में वह छवि कौंध गयी जहाँ मास्टर जी भवें सिकोड़े उसकी तरफ़ अविश्‍वास से घूर रहे हैं और वह हकलाता-तुतलाता बहाना बना रहा है। इतना मग्न था कल्लन कि सीधे भैंसों के झुण्ड से जा टकराया।"
कल्लू कहानीबाज़

"“ठहर जाओ,” मास्टर जी पान को गलत सटकने के डर से हाथ उठा के बोले, “आज मुझे नई कहानी क्यों सुना रहे हो?”"
कल्लू कहानीबाज़

"एक बार की बात है, जब हम शहर जा रहे थे, तब हमने देखा कि शहर और देहात में पॉलिथीन बहुत उपयोग किया जाता है। तब हमने सोचा कि क्यों न हम सब मिलकर कुछ करें।"
पॉलिथीन बंद करो

"“मोरू!” शिक्षक ने कड़क के कहा, “तुम कुछ करते क्यों नहीं हो?” मोरू ने नासमझी से उनकी ओर ताका।"
मोरू एक पहेली

"एक दिन मोरू दीवार पर बैठा बच्चों को स्कूल जाते देख रहा था। अब उससे कोई नहीं पूछता था कि वह उनके साथ क्यों नहीं आता। बल्कि अब तो बच्चे उससे बचते थे क्योंकि वह डरते थे कि मोरू उन्हें परेशान करेगा। शिक्षक भी वहाँ से गुज़र रहे थे। मोरू ने उन्हें देखा। उन्होंने मोरू को देखा। न कोई मुस्कराया और न किसी ने भवें सिकोड़ीं।"
मोरू एक पहेली

"कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि बादल क्यों गरजते हैं?"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"क्या लगता है तुम्हें? बादल क्यों गरजते हैं?"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"ऐसा क्यों होता है-"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"फिर वे मुस्कराईं, "हाँ-हाँ, क्यों नहीं? तुम्हें कैसी कहानियाँ पसंद हैं?""
कहानियों का शहर

""तो वह अपनी मां की तरह नारंगी क्यों नहीं है?""
कहाँ गये गालों के गड्‌ढे?

"एक दिन उसकी माँ ने काम के बीच उसकी बहन को घर पर रुकने के लिए बोला। तब लड़का बोला, "माँ, आज दीदी स्कूल क्यों नहीं जा रही है?" माँ ने जवाब दिया, "आज घर पर बहुत काम है इसलिए दीदी स्कूल नहीं जाएगी।" इस तरह कुछ दिन बीत गए।"
और दीदी स्कूल जाने लगी

"एक दिन फिर उस लड़के ने माँ से पूछा, "माँ, दीदी स्कूल क्यों नहीं जाती?" तब माँ ने कहा, "बेटा, तुम स्कूल जाओ, दीदी पढ़ कर क्या करेगी?" लड़का दुखी होकर स्कूल चला गया।"
और दीदी स्कूल जाने लगी

"एक दिन स्कूल में उसकी टीचर बोली, "बेटा, तुम रोज़ स्कूल आते हो लेकिन तुम्हारी दीदी क्यों नहीं आती?" उस लड़के ने टीचर को बताया कि माँ बोलती है कि दीदी पढ़ कर क्या करेगी? यह सुनकर उसकी टीचर बोली, “बेटा, अपनी माँ से कहना कि वह कल आकर मुझसे बात करें।”"
और दीदी स्कूल जाने लगी

"“अरे हाँ! वह तो हमारी कक्षा में आया था। यह देखने कि हमारी दीदी क्यों चिल्लाई थीं!”"
अम्मा जब स्कूल गयीं

"“तुम्हारी दीदी क्यों चिल्लाई थीं?” अम्मा ने पूछा।"
अम्मा जब स्कूल गयीं

"“पर रोहन रो क्यों रहा था?” अम्मा जानना चाहती थीं।"
अम्मा जब स्कूल गयीं