Peer-review:

Edit word

ह ो न े

Add letter-sound correspondence launch
Delete
Peer-review 🕵🏽‍♀📖️️️️

Do you approve the quality of this word?



Contributions 👩🏽‍💻
Revision #0 (2020-07-15 03:31)
Nya Ξlimu
https://forvo.com/word/%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%87/#hi
Resources
Hindi resources:
  1. Forvo
  2. Google Translate
Labeled content
Emojis
None

Images
None

Videos
// TODO

Storybook paragraphs containing word (56)

"ये बुधवार की कक्षा में होने वाले नाटक के लिए हैं।"
गप्पू नाच नहीं सकती

"आगे बढ़ते ही अर्जुन को अचानक महसूस हुआ कि उसके पहिये पर दबाव कम होने लगा है, उसके सामने की भीड़ छँटने लगी है और वह बहुत आराम से आगे बढ़ गया है, “जाने दो अर्जुन भाई,” उसके चाचा ने कहा।"
उड़ने वाला ऑटो

"वह नीचे और नीचे आया, उसे शहर की गर्माहट महसूस होने लगी थी। जितना करीब वह पहुँच रहा था उतनी ही ऊर्जा उसे मिल रही थी।"
उड़ने वाला ऑटो

"हर सफ़र एक नया सफ़र, कभी न खत्म होने वाले एक लम्बे सफ़र का अनोखा हिस्सा।"
उड़ने वाला ऑटो

"प्रिय पाठक, क्या आपको मालूम है कि प्राचीन काल के संस्कृत साहित्य में हिन्द महासागर को ‘रत्नाकर’ कहा जाता था? रत्नाकर यानि हीरे जवाहरात की खान। मैंटा रे मछलियाँ अक्सर सफ़ाई के ठिकानों पर जाया करती हैं। सफ़ाई के ठिकानों को कुदरत का अस्पताल कहा जा सकता है। यहीं एंजेल फ़िश जैसी छोटी मछलियाँ मैंटा रे के गलफड़ों के अन्दर और खाल के ऊपर तैरती हैं। वे क्लीनर फ़िश कहलाती हैं क्योंकि वे मैंटा रे के ऊपर मौजूद परजीवियों व मृत खाल को खा कर उसकी सफ़ाई करती हैं। मैंटा रे मछलियाँ विशाल होने के बावजूद बहुत कोमल स्वभाव की होती हैं। बड़ी शार्क, व्हेल मछलियाँ व मनुष्य उनका शिकार करते हैं।"
पिशि फँसी तूफ़ान में

"इग्लू: क्या आप सोच सकते हैं कि बर्फ़ की बड़ी-बड़ी ईंटों से बने इग्लू बाहर बर्फ़ जमी होने पर भी अंदर से गर्म रहते हैं? जब बाहर का तापमान -40 डिग्री सेंटिग्रेड होता है तो लोग इग्लू के अंदर आराम से रहते हैं। इन्हें आप कनाडा के ध्रुवीय इलाकों और ग्रीनलैंड के थूले द्वीप में देख सकते हैं।"
सबसे अच्छा घर

"दर असल पूरी के साथ यह होता है - गूँधे हुये आटे में ग्लूटेन होने की वजह से उसे बेला जा सकता है। जब इस आटे की एक छोटी सी लोई को बेला जाता है तो पूरी में ग्लूटेन की एक सतह बन जाती है।"
पूरी क्यों फूलती है?

"भेल पूरी/ आलू दही पूरी में इस्तेमाल होने वाली पूरियाँ क्यों नहीं फूलतीं?"
पूरी क्यों फूलती है?

"आप ध्यान से देखें तो पता चलेगा कि भेल-पूरी और दही-पूरी में इस्तेमाल होने वाली पूरियाँ फूली नहीं होती है।"
पूरी क्यों फूलती है?

"पूरी से जुड़ा इतिहास वैज्ञानिको का मानना है कि सबसे पहले करीब 11,000 साल पहले मिडिललिस्ट देशो में जंगली गेहूं के होने का पता चला था।"
पूरी क्यों फूलती है?

"मुत्तज्जी मुस्कराई, "देखो, मैं इतना जानती हूँ कि मेरे पैदा होने से करीब 5 साल पहले, हिन्दुस्तान भर के महाराजा और महारानियों के लिए दिल्ली में हुई दावत में हमारे महाराजा भी गए थे। एक अंग्रेज राजा और रानी भारत आए थे और तब हमारे महाराजा को सोने का तमगा मिला था।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

""यह तय करने के लिये," पुट्टा बोला, "हमें पता लगाना होगा कि दिल्ली में राजा ओर रानियों की जो शाही दावत हुई थी, और जो मुत्तज्जी के पैदा होने से 5 साल पहले हुई थी, वो 1911** के आसपास हुई या नहीं।""
मुत्तज्जी की उम्र क्या है?

"● कारखाने में ब्रश तैयार होने के बावजूद बहुत से लोग नीम या बबूल की पतली टहनी से दातुन करते हैं। दातुन हमारे दाँतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं, मगर क्या तुम जानते हो कि विश्व में सबसे अच्छा ब्रश कौन सा है? तुम्हारी उंगली! दंत-चिकित्सक मानते हैं कि यह दाँतों और मसूड़ों के लिए सबसे बेहतर है।"
टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर कैसे आया?

"सभी पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाएँगे और खुश दिखाई देंगे। ठीक उस हरे दुपट्टे की तरह जिसे हरी भैया ने जयपुर से भेजा है। वो बता रहे थे कि उसे धानी चुनरिया कहते हैं। धानी जैसे धान के नन्हे पौधों का रंग। दादा कह रहे थे कि अच्छी बारिश होने से किसानों को अच्छी फसल मिलेगी।"
गरजे बादल नाचे मोर

""चेची कितनी किस्मत वाली है। वह कितने हवाई-जहाज़ों में घूम चुकी है। मुझसे बड़े होने तक का इंतज़ार नहीं होता, अम्मा।""
राजू की पहली हवाई-यात्रा

"और फिर सच में बारिश होने लगी।"
लाल बरसाती

"“ये तो बड़ी गहरी खाई है! मुझसे नहीं पार होने वाली!” स्टेल्ला बोली।"
कोयल का गला हुआ खराब

"जब मैं कोई गाना सुनता हूँ तो कुछ अजीब-सा होने लगता है।"
अरे...नहीं!

"अब दीदी फिर से आने लगी है। सभी बच्चे इकट्ठे होने लगे हैं।"
दीदी का रंग बिरंगा खज़ाना

"अधनिया एक छोटा, अलग-थलग गाँव था जिसमें हर कोई हर किसी को जानता था। गाँव में तो कोई चोर हो नहीं सकता था। दूधवाले ने कसम खाकर कहा था कि उसने नटखट को झील की ओर चौकड़ी भरकर जाते हुए देखा है। लेकिन वह इस बात का खुलासा न कर पाया कि आखिर नटखट बाड़े से कैसे छूट कर निकल भागा था। दिन में बारिश होने के चलते नटखट के खुरों के सारे निशान भी मिट चले थे और उन्हें देख पाना मुमकिन न था।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"यह कहानी एक वास्तविक गजपक्षी से प्रेरित है। इस विशाल पक्षी, एलिफेंट बर्ड, को वैज्ञानिकों ने एपियोरनिस मेक्सिमस का नाम दिया। यह दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी था और मेडागास्कर के द्वीपों में पाया जाता था। वनों के नष्ट होने और आबादी बढ़ने से ये विशाल पक्षी 1700 ई. के आस-पास लुप्त हो गए।"
विशालकाय एक-पंख गजपक्षी

"माँ छुट्टी होने पर वहीं मिलेंगी!"
स्कूल का पहला दिन

"कार्यक्रम शुरू होने में अभी समय है, क्‍या तुम अंदर आना चाहोगे? मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूँ।""
संगीत की दुनिया

"मौसी ने विवान से कहा, "चलो अब कार्यक्रम शुरू होने वाला है। तुम माँ के साथ हाल में जाकर बैठो।""
संगीत की दुनिया

"जब नौका किनारे पर पहुँची, काटो जल्दी से जल्दी सबको अपने कारनामे के बारे में बता देना चाहता था। दिन की सारी घटनाओं के बाद, काटो का सिर नौका की तरह चक्कर खा रहा था। खाने की मेज़ पर जैसे ही उसने सिर रखा, उसकी आँखें बंद होने लगीं और वह गहरी नींद में डूब गया।"
नौका की सैर

"अनु को दादाजी की चिन्ता होने लगी है... उस बादल के रहते वे खाना कैसे खा पाते होंगे भला?"
पापा की मूँछें

"स्कूल की छुट्टी होने में पाँच मिनट रह गये थे पर चीनू और इन्तज़ार नहीं कर सकता था। उसने बाहर देखा। वहाँ कोई नहीं था। तभी कहीं पास से घंटी की टनटनाहट सुनाई दी।"
कबाड़ी वाला

"गाँव और ज़्यादा साफ़ रहने लगा। और चीकू का बादल और छोटा होने लगा।"
कचरे का बादल

"बालू है, तो होने दो,"
ऊँट चला, भई! ऊँट चला

"फिर जब औरतों ने चिकन के कुरते पहनना शुरु किए तो यह काम रंगीन कपड़े पर भी होने लगा। लेकिन चिकन की बेहतरीन कढ़ाई सफ़ेद मलमल पर सफ़ेद धागे से ही होती है। यही इस काम का सार है, उसकी रूह है...और एक काबिल कशीदाकारिन का सबसे बड़ा इम्तिहान भी।”"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"अब तो कमरु और मेहरु की जलन का ठिकाना ही नहीं रहा। मुमताज़ का कहीं और नाम न हो जाए, इसके लिए उन्होंने एक और योजना बनाई। काढ़ने से पहले कपड़े पर कच्चे रंग से नमूने की छपाई होती थी। कढ़ाई होने के बाद कपड़े को धोया जाता था जिससे वे सब रंग निकल जाते थे।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"ईनाम के जलसे में कमरु और मेहरु ने देखा कि सब मुमताज़ को कितनी इज़्जत दे रहे थे। कुछ-एक ने तो उन्हें भी ऐसी हुनर वाली लड़की की बहनें होने की बधाई दी।"
मुमताज़ ने काढ़े अपने सपने

"आज का दिन बड़ा ख़ास था। रज़ा ने अपने सबसे बढ़िया कपड़े पहने हुए थे। आज उसकी मुलाकात एक बड़ी आला हस्ती से होने वाली थी-बादशाह जलालुद्दीन अकबर से! मुग़ल सल्तनत के महान सम्राट!"
रज़ा और बादशाह

"बादशाह के कमरे के दरवाज़े पर इन्तज़ार करते हुए रज़ा ने धनी सिंह को ध्यान से देखा। दर्ज़ी का बेटा होने के नाते सबसे पहले कपड़ों पर नज़र टिकी। लाल और स़फेद, फूलदार सूती अंगरखा और स़फेद चूड़ीदार। धनी सिंह की नागरा की जूतियों की नोक अन्दर की तरफ़ उमेठी हुई थी। उनकी कमर पर कपड़े की पट्टी बँधी हुई थी जिसे पटका कहा जाता है। पर रज़ा को सबसे ज़्यादा पसन्द उनकी चटख़ लाल रंग की पगड़ी आई, जिस पर स़फेद और पीले चौरस और बुंदकियों का नमूना था।"
रज़ा और बादशाह

"स. सहपाठियों से कहेंगे कि उसके जैसे होने की कल्पना करें।"
थोड़ी सी मदद

"अ. कक्षा की सबसे होशियार छात्रा से कहेंगे कि वह अपने नोट्स उसे पढ़ने के लिए दे दे। ब. अध्यापिका से कहेंगे कि उसकी मदद करना उनका काम है। स. उससे पूछेंगे कि क्या उसे आपकी मदद चाहिए। 4. आपकी कक्षा की नई छात्रा जरा शर्मीली है। वह किसी के साथ नहीं खेलती। आप क्या करेंगे? अ. उससे कुछ नहीं कहेंगे। जब उसकी झिझक मिट जाएगी तब खेलने लगेगी। ब. उसे बुला कर खेल में शामिल होने को कहेंगे। स. उस के पास जा बैठेंगे। शायद वह बातें करने लगे।"
थोड़ी सी मदद

"हर सुबह के जैसे आज भी कल्लू बिजली की सी फुर्ती से इधर-उधर भाग के तैयार होने लगा। पानी की बाल्टी से बर्फीले पानी के कुछ छींटे आँखों पर डाल के उसने खुद को जगाया।
 नहाने का तो सवाल ही नहीं था। शुक्र है कि सर्दियों का मौसम था नहीं तो अम्मी कहाँ मानने वाली थीं। कमीज़, पतलून और स्वेटर आनन फानन में पहन के, चप्पलों में पैर घुसाये।"
कल्लू कहानीबाज़

"बहुत कम लोगों को यह पता है कि वे सेना में भर्ती होने के पहले से ही सेना के लिए हॉकी खेलने लग गए थे। १४ साल की उम्र में वे अपने पिताजी के साथ सेना की दो टीमों के बीच मैच देखने गए थे। जब एक टीम हारने लगी जो ध्यान चंद ने अपने पिताजी से कहा कि अगर उनके पास हॉकी स्टिक होती तो वे उस टीम को जिता देते।"
ध्यान सिंह  'चंद'  : हॉकी के जादूगर

"टीम यूरोप रवाना होने से पहले अपने अभ्यास मैच में हार गर्इ - ध्यान ने टीम की ओर से दो गोल किये, लेकिन उनकी विरोधी बॉम्बे टीम ने तीन गोल कर दिये। इस हार ने टीम को जोश दिला दिया। उन्होंने इंग्लैंड व यूरोप में अभ्यास मैचों को इतने बड़े अंतर से जीता कि, मर्इ के महिने में जब टूर्नामेंट शुरु हुआ, बाकी टीमों के मन में ज़रूर भारत की इस तूफ़ानी टीम का डर बैठ गया होगा।"
ध्यान सिंह  'चंद'  : हॉकी के जादूगर

"समस्या यह थी कि भारत की टीम ने ८ गोल कर दिये थे। एडोल्फ़ हिटलर ने क्या सोचा होगा? जर्मनों के सर्वश्रेष्ठ होने की धारणा को इस पराजय से कितनी ठेस पहुँची होगी?"
ध्यान सिंह  'चंद'  : हॉकी के जादूगर

"अपने इर्द गिर्द प्रसिद्धी का घेरा होने के बावजूद उनकी दृष्टि में उनका सर्वश्रेष्ठ मैच १९३३ का बैटन कप का फ़ाइनल मैच था, जो एक भारतीय टूर्नामेंट था। अपनी घरेलू टीम झाँसी हीरोज़ के लिए खेलते हुए उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी र्इस्माइल को एक लंबा पास दिया, र्इस्माइल “जेसी ओवेन्स की गति से लगभग आधा मैदान भागे” और उन्होंने मैच का इकलौता गोल किया।"
ध्यान सिंह  'चंद'  : हॉकी के जादूगर

"मोरू को अंक अच्छे लगते थे। 1 का अंक उसे दुबला और अकेला सा लगता था तो 100 मोटा और अमीर सा। 9 कितना इकहरा और आकर्षक लगता खास तौर पर वह जब 1 के बगल में खड़ा हो कर 19 बन जाता। अंक उसे कभी न ख़त्म होने वाली सीढ़ी जैसे लगते। मोरू कल्पना करता कि वह एक-एक कर के सीढ़ी चढ़ रहा है।"
मोरू एक पहेली

"जब वह थक जाता तो खुद को सीढ़ियों के जंगले पर फिसलते हुए देखता और सब अंक उसकी ओर हाथ हिला रहे होते। दोपहर के खाने में अक्सर सबके आधे पेट रह जाने पर ख़त्म हो जाने वाले चावल से नहीं, उन दोस्तों से नहीं जिन्हें खेल जमते ही घर जाना होता, अंक हमेशा मोरू के पास रहते। कभी न ख़त्म होने वाले अंक कि जब चाहे उनके साथ बाज़ीगरी करो, छाँटो, मिलाओ, बाँटो, एक पंक्ति में लगाओ, फेंको, एक साथ मिलाओ या अलग कर दो।"
मोरू एक पहेली

"अँधेरा हो चला था और स्कूल में बिजली नहीं थी। “अब तुम्हें घर जाना चाहिये मोरू, पर कल फिर आ सकते हो?” शिक्षक ने पूछा, “पर क्या उस समय आओगे जब बच्चे यहाँ हों?” अगले दिन स्कूल शुरू होने के कुछ देर बाद मोरू आया। बच्चे उसे देख कर हैरान थे और कुछ डरे भी। अब तक मोरू का मौहल्ले के अकड़ू दादाओं में शुमार होने लगा था। “अब मेरी मदद करने वाला कोई है,” शिक्षक ने कहा।"
मोरू एक पहेली

"अब गरजते बादलों में, वायु ब़र्फ के टुकड़े और पानी की बूँदों को ऊपर की ओर ले जाती है। यह जब आपस में टकराते हैं तो इनके परमाणु आयन बन जाते हैं। अब धन आवेश वाले आयन हल्के होने की वजह से ऊपर उठते हैं और ॠण आवेश वाले आयन धरती की ओर, बादल के निचले हिस्से की ओर जाते हैं।"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"गुब्बारे पर ऊन रगड़ने से, दोनों के बीच में इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान हो जाता है। गुब्बारे
 में इलेक्ट्रॉनों की मात्रा अधिक होने से उसमें
 ॠण आवेश हो जाता है। अब जब तुम इस
 गुब्बारे को दीवार पर लगाते हो, तो गुब्बारे के"
दीदी, दीदी, बादल क्यों गरजते हैं?

"कि अब उनके निद्राहीन दिनों का अंत होने को है।"
कोट्टवी राजा और उनींदा देश

"चींटी कुछ दूर रहती थी पर और कोई उपाय न होने की वजह से गौरैया उसके पास गई।"
गौरैया और अमरूद

"जल्दी ही उनके रोपे वालकोल, अर्जुन, एजर, गुलमोहर, करोई, मोज और हिमोलू के पौधों ने जड़ें पकड़ लीं और बड़े होने लगे।"
जादव का जँगल

"बड़े होने पर उनके बीज बिखरने लगे। नए बीज से निकले पौधे जड़ें फैलाने लगे। नाज़ुक पौधे मोटे-मज़बूत तने वाले हो गये। तनों से और डालियाँ निकलीं, और डालियों आसमान को छूने की कोशिश करने लगीं।"
जादव का जँगल

"फिर दो जग पानी डाल कर सींचें। आपको कई हफ़्ते तक मिट्टी सूखने पर सिंचाई करनी पड़ेगी, और इंतज़ार करना पड़ेगा तब कहीं गुठली में से पौधा निकलेगा! पौधे को बड़ा होने में बहुत समय लगता है। इसलिए फिक्र न करें, और जल्दबाज़ी तो बिलकुल भी नहीं!"
जादव का जँगल

"कुछ दिनों बाद उस जंगल के राजा को पड़ोसी जंगल के राजा के साथ ज़रूरी काम पड़ा। उनकी बातचीत तुरंत होनी ज़रूरी थी। लेकिन राजा को फुर्सत नहीं मिल रही थी। और कामों में उलझे होने के कारण उसके लिये पड़ोसी राज्य जाना संभव नहीं था।"
कछुआ और खरगोश

"पड़ोसी राज्य पहुँचने का रास्ता बहुत कठिन था। काँटों और पत्थरों से भरा था। बीच में दो नदियाँ भी पड़ती थीं। चाहे कछुआ हो या खरगोश रास्ता आसानी से तय होने वाला नहीं था। और एक ही दिन में तो वह रास्ता तय करना असंभव ही था।"
कछुआ और खरगोश

"शाम होने वाली थी और वह परेशान था।"
कहानियों का शहर

"शहर के मेयर को चिंता होने लगी, "अब क्या किया जाये?" समुद्र के किनारे अपने घर में चहलकदमी करते हुए उन्होंने अपने मंत्रियों से बात की।"
कहानियों का शहर

"तब अंत में दीदी और मीमी को खोज कर, समुद्र के किनारे, मेयर के निवास पर हाज़िर होने का हुक्म मिला। मंत्रियों को बताया गया था कि इन दोनों से शहर में कहानियों की बाढ़ आई है जिसमें सारा शहर गोते लगा रहा है।"
कहानियों का शहर