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Chapter 1/18

editजून के महीने का सुहाना सा दिन🌤️ है।
editमिस मीरा अपने कामों में व्यस्त हैं, इसलिए उन्होंने बच्चों को उनका मनपसंद काम सौंपा है, और वो है अपने आप खेलना। स्टेल्ला और परवेज़ को बोर्ड पर चित्र बनाने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
Chapter 2/18

editकू-ऊऊऊह – कू-ऊऊऊह
edit“कोयल?” चमकती आँखों से परवेज़ ने पूछा।
edit“हाँ, मगर लगता है उसका गला खराब है! मैंने न, पहले कभी भी खराब गले वाली कोयल नहीं देखी। चलो, चलकर ढूँढते हैं उसे!” स्टेल्ला ने सुझाया।
Chapter 3/18

editस्टेल्ला और परवेज़ पेड़ों की ओर भागते हुए पहुँचे।
edit“ये तो बड़ी गहरी खाई है! मुझसे नहीं पार होने वाली!” स्टेल्ला बोली।
editपर परवेज़ तो पहले ही उस पार कूद चुका था। फिर वापस फांद कर स्टेल्ला के पास आ जाता🚶 है।
editपरवेज़ ने उसका हाथ पकड़ा और दोनों ने एक साथ छलांग लगा कर पार कर लिया।
Chapter 4/18

edit“कू-ऊऊ, कू-ऊऊ!” स्टेल्ला आवाज़🔊 देती है।
edit“कक्क... क्ककुह... ऊऊह!” परवेज़ फुसफुसाता है।
editवे चारों ओर देखते हैं, मगर खिचखिच वाली चिड़िया नहीं मिलती।
Chapter 5/18
editChapter 6/18

edit“नहीं, नहीं यहाँ है!” ज़ेबा ने धीरे से कहा।
edit“मुझे तो एक कोयल उस डाल पर बैठी दिख रही है!” उमा ने इशारा किया।
edit“परवेज़, जल्दी ऊपर देखो... उस पेड़🌲🌳 पर!” करन ने कहा।
edit“अरे नहीं, अब हम यह कैसे पता लगाएंगे कि खराब गले वाली कोयल कौन सी है?” ज़ेबा ने मुँह लटकाकर पूछा।
Chapter 7/18
editChapter 8/18

editपरवेज़ के पेट में भूख नाम का भूत शोर मचाने लगा था।
edit“यह आवाज़🔊 कैसी है!” स्टेल्ला ने हंसकर पूछा।
editवे दौड़कर अन्दर गए और अपने खाने🍴 के डब्बे खोल लिए। स्टेल्ला ख़ुशी से चिल्लाई, “वाह, इडली!”
edit“म्मम्म... पपाआ... ठ... ठा!” बड़ा सा कौर मुँह में भरकर परवेज़ ने बोला।
Chapter 9/18
editटन-टन-टन-टन-टनन्न।
editखाने🍴 का समय📅 ख़त्म हो गया।
editपरवेज़ अपना बैग उठाकर अमीना दादी👵 की ओर भागा। वो रोज़ की तरह आज भी स्कूल🎒🏫🚌 के फाटक के पास खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थीं।
Chapter 10/18

edit“परवेज़, तुमने आज सुनने की मशीन नहीं लगायी है! तुम जानते हो ठीक से सुनने के लिए तुम्हें उसकी ज़रूरत पड़ती है न,”
editउन्होंने छोटी सी मशीन परवेज़ की कमीज़ की जेब से निकालकर उसके कान में लगा दी।💗
Chapter 11/18

edit“ये म्मम्मुझे प्प्प्पसंद नहीं है,” वो बुदबुदाया।
edit“और मुझे यह मोटा-सा चश्मा नहीं पसंद, मगर मैं तो पहनती हूँ न इन्हें, कि नहीं?” दादी👵 ने पूछा।
editतभी उसके कानों में कहीं से हलकी सी कोयल की आवाज़🔊 सुनाई दी।💗
edit“कू-ऊऊह-ऊऊह!” परवेज़ ने हँसते हुए दोहराया।
edit“कू-ऊऊऊऊह-ऊऊऊऊह। परवेज़ दादी👵 को उस गला खराब वाली कोयल के बारे में बताता है। दोनों चलकर सुकर्ण स्कूल🎒🏫🚌 पहुँचते हैं जहाँ बधिर बच्चे🚸 पढ़ते हैं।
Chapter 12/18
editChapter 13/18

editशाम को अपने घर🏠 के पास उसे स्टेल्ला मिल🏭 गयी।
edit“स्स्स्टेल्ला, मैंने क्क्कोयल को सससुना!” एक बार में एक एक शब्द बोला उसने।
editस्टेल्ला ने अपने दोनों हाथ हवा🌬️🍃💨 में हिलाए। इसका मतलब हुआ कि वो ताली बजा रही थी। परवेज़ ने संकेत भाषा के कई शब्द उसे सिखा दिए थे जो उसकी शीला मिस ने सुकर्ण स्कूल🎒🏫🚌 में सिखाये थे।
Chapter 14/18

edit“मममुझे लललगता... उस्ससकी... खखखिचखिच ठीक हहहहो रही है!” उसने बताया।
editशीला मिस कहतीं हैं कि उसकी आवाज़🔊 भी ठीक हो जाएगी। समय📅 लग सकता है, मगर ठीक ज़रूर होगी।
edit“पकड़ो मुझे।” परवेज़ ने भागते हुए आवाज़🔊 दी।💗 अब खेलने का समय📅 जो था।
Chapter 15/18
editChapter 16/18
editसभी के कान एक जैसे नहीं होते
edit- परवेज़ जब सिर्फ पांच महीने का था तब उसके माता-पिता ने देखा कि वो ज़ोर की आवाजें बिलकुल भी नहीं सुन पाता था। वे उसे डॉक्टर के पास ले गए जिन्होंने बताया कि परवेज़ ने सुनने की शक्ति खो दी💗 है। डॉक्टर ने समझाया कि परवेज़ की मदद कैसे की जा सकती है ताकि वो हर वो चीज़ सीख सके जो आम बच्चा सुन सकता है।
edit- जब आप ठीक से सुन सकते हैं तो, बोलना आसानी से सीख सकते हैं। ज़्यादातर बधिर लोग ठीक से नहीं बोल पाते क्योंकि वो दूसरों का बोलना नहीं सुन सकते हैं।
Chapter 17/18

edit- जो लोग पूरी🥞 तरह से बधिर होते है, वो कुछ भी नहीं सुन सकते। परवेज़ आँशिक रूप से नहीं सुन सकता है। इसलिए उसे शीला मिस जैसी एक विशेष शिक्षक की ज़रूरत है जो उसे संकेत की भाषा, होंठों को पढ़ने और संवाद करने के अन्य तरीके सीखने में मदद कर सके।
edit- कुछ बच्चे🚸 चश्मा लगाते हैं ताकि वे अच्छी तरह से देख सकें, ठीक वैसे ही परवेज़ सुनने की मशीन लगाता है ताकि उसे सुनने में आसानी हो। उसे अपनी मशीन को लेकर थोड़ा सचेत रहने की ज़रूरत है।
Chapter 18/18

edit- जो लोग परवेज़ से धीरे से बात👄 करते हैं, वह उन्हें बेहतर समझ पाता है, और ख़ास तौर से जब वे उसकी तरफ देखकर बात👄 कर रहे हों। परवेज़ ठीक से सुन नहीं सकता है, पर वो देख, सूँघ, समझ और सीख सकता है, वह महसूस कर सकता है, और पकड़म-पकड़ाई खेल सकता है।
Peer-review 🕵🏽♀📖️️️️
Contributions 👩🏽💻
Word frequency
Letter frequency
Letter | Frequency |
---|---|
े | 229 |
ा | 220 |
क | 189 |
स | 158 |
ह | 147 |
न | 142 |
ी | 138 |
र | 132 |
ल | 106 |
ो | 93 |
ं | 86 |
त | 84 |
म | 84 |
प | 83 |
् | 82 |
व | 61 |
ि | 57 |
ै | 57 |
ब | 54 |
ु | 48 |
द | 46 |
ख | 41 |
ज़ | 41 |
ग | 37 |
य | 37 |
च | 36 |
उ | 31 |
ऊ | 31 |
ू | 31 |
ज | 29 |
ट | 29 |
- | 22 |
ए | 20 |
आ | 19 |
भ | 19 |
श | 19 |
अ | 15 |
ड़ | 15 |
ँ | 14 |
ठ | 14 |
थ | 13 |
औ | 10 |
झ | 10 |
छ | 9 |
इ | 7 |
फ | 7 |
ड | 6 |
ई | 5 |
ध | 5 |
ौ | 5 |
ढ | 4 |
ष | 4 |
ओ | 3 |
घ | 3 |
ख़ | 3 |
ण | 2 |
ॉ | 2 |
ढ़ | 2 |
– | 1 |
़ | 1 |